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बद्रीनाथ धाम : 7: बजकर 10 मिनट पर श्रद्धलुओ के लिए खुले कपाट
चारधामाे में सर्वश्रेष्ठ बैकुंठ धाम बद्रीनाथ के कपाट आज विधि-विधान व पूजा अर्चना के साथ प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर सेना के बैंड की मधुर ध्वनि के साथ शीत काल के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस अवसर पर देश विदेश से हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए।
समुद्र तल से दस हजार 500 फीट की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बद्रीनाथ धाम मे आज प्रातः 4.30 से मंदिर समिति द्वारा कपाट खोलने की प्रकिर्या शुरू कर दी थी। जिस के तहत 5.30 बजे प्रात:कुबेर जी का बामणी गांव से मंदिर परिसर में आगमन हुआ।
मुख्य मंदिर से प्रात:5.30 बजे द्वार पूजन, रावलजी, धर्माचार्य का 6 बजे प्रात: सभा मडप में प्रवेश व पूजा,अर्चना हुई l इसके साथ ही गर्भगृह से लक्ष्मी जी को बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया तथा उद्धव जी व कुबेर भगवान को गर्भ गृह में भगवान विष्णु के साथ विराजमान कराने के साथ ही 7 बजकर 10 मिनट पर प्रात: मंदिर के कपाट शीतकाल के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी मंदिर परिसर में विराजमान हुई। इस अवसर पर पर शीतकाल में कपाट बंद होने पर माणा गांव की कुंवारी कन्याओं द्वारा अपने हाथ से बुना गया घृत कंबल जो शीतकाल में भगवान विष्णु व लक्ष्मी जी को ओडा जाता है, उसे प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।
इस इस अवसर पर बद्रीनाथ के रावल इशवरी प्रसाद नम्बूरी धर्माधिकारी प्रकाश थपलियाल, बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र भट्ट, के.एस.नगन्याल आई.जी. पुलिस गढ़वाल सहित सेना,आईटीबीपी. बीआरओ के अधिकरी व गणमाम्य मौजूद थे।
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