देहरादून/इन्फो उत्तराखंड
भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि वह आज तय करेंगे कि किस मोर्च से चुनाव मैदान में उतरेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी भाजपा में वापसी हो रही है या फिर कांग्रेस उनका हाथ पकड़ रही है, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि अब समय कम है और नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में आज तय कर दिया जाएगा कि वह किस मोर्चे से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत पिछले पांच दिनों से उम्मीद लगाए हुए हैं कि कांग्रेस उनका हाथ थामेगी, लेकिन अब तक हरक को निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मात्र उन्हें पूर्व में किए का अहसास दिलाने के लिए ऐसा कर रही है।
कांग्रेस के कई नेता भी यही चाहते हैं कि पूर्व कैबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल कर लिया जाए। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक हरक सिंह जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे कांग्रेस और मजबूत होगी, लेकिन हरक को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर जो देरी हुई है, उससे हरक बेहद निराश हैं। यही वजह है कि उनकी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर जो देरी हुई है, इससे उनकी फिर से भाजपा में वापसी की भी चर्चाए हैं।
बताया गया है कि हरक सिंह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी जैसे नेताओं से बातचीत की है। यह भी बताया जा रहा है कि पूरे प्रकरण में राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका भी अहम है। जिनके मामले में हस्तक्षेप के बाद न सिर्फ हरक की भाजपा में वापसी हो सकती है बल्कि, उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुंसाई को केदारनाथ से टिकट दिए जाने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाए हैं।
गढ़वाल का टाइगर कहते थे प्रधानमंत्री
पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा है कि उन पर बिना किसी वजह सोशल मीडिया पर चली खबरों के आधार पर एक्शन लिया गया। उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने की एक वजह यह भी हो सकती है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें गढ़वाल का टाइगर कहते थे। जो कुछ लोगों को हजम नहीं हुआ।
सोशल मीडिया से : कांग्रेस में नो एंट्री, हरक के फिर भाजपा में लौटने की चर्चा
पांच दिन से हाथ का साथ मिलने की राह देख रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर सोशल मीडिया में नई चर्चाओं ने जन्म ले लिया। चर्चाएं तेज हो गई हैं कि माफी मांगने की सूरत में हरक की फिर भाजपा में ही वापसी हो सकती है।
पांच दिन पहले भाजपा ने हरक सिंह रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। पहले दिन से ही हरक यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की। न ही वह बगावत करने वाले थे। कई बयानों में हरक ने यह भी कहा है कि उन्होंने अमित शाह से ताउम्र दोस्ती का वादा निभाया है। पार्टी ने उन्हें खुद ही निकाल दिया।
पांच दिन से कांग्रेस में वापसी का इंतजार कर रहे हरक को लेकर सोशल मीडिया में इन तथ्यों के साथ नई चर्चा तेज हो गई। एक फेसबुक यूजर ने दावा किया है कि हरक फिर भाजपा में ही लौट सकते हैं क्योंकि अगर माफी मांगनी ही है तो अपनी ही पार्टी से माफी मांगकर वापसी हो जाएगी। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि हरक तो कल तक पीएम मोदी व अमित शाह के पसंदीदा नेता होते थे, इसलिए इस बात की भी संभावना प्रबल हो गई है कि हरक को वह नेता माफी मांगने पर वापस ले आएं।
कई यूजर का यह भी कहना है कि अगर हरक की भाजपा में वापसी हुई तो यह पार्टी के लिए अच्छा कदम नहीं होगा। वहीं, भाजपा के एक आला पदाधिकारी ने भी अमर उजाला से बातचीत में हरक की भाजपा में वापसी की संभावना से इंकार नहीं किया। उन्होंने माफी मांगने पर हरक की वापसी के संकेत दिए हैं।
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश सचिव ने छोड़ी भाजपा
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश सचिव सूरज घिल्डियाल ने डॉ. धन सिंह रावत को टिकट मिलने और डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी से निष्कासित किए जाने के विरोध में भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है।
घिल्डियाल ने कहा कि भाजपा ने डॉ. रावत को जिस प्रकार पार्टी से अपमानित कर मंत्रिमंडल और पार्टी से निष्कासित किया है, उससे वह आहत हैं। उन्होंने स्थानीय विधायक डॉ. धन सिंह रावत पर युवाओं और क्षेत्र की उपेक्षा का भी आरोप लगाया।
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