- जल्दी पैसा कमाने का लालच मामा- भांजे को ले पहुंचा सलाखो के पीछे।
- खनन विभाग से सेवानिवृत्त बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या का दून पुलिस ने किया खुलासा
- घटना में शामिल मामा- भांजे को पुलिस ने देहरादून तथा सहरानपुर से किया गिरफ्तार।
- अभियुक्तों के कब्जे से मृतक के खाते से निकाले गये 04 लाख 80 हजार रूपये नगद, चैक, एफ०डी० व अन्य सामान किया बरामद।
- अभियुक्तों द्वारा बुजुर्ग व्यक्ति के खाते में पडी 25 लाख की रकम को हडपने के लिये रची थी हत्या की साजिश।
- साजिश के तहत बुजुर्ग व्यक्ति को ईलाज के बहाने देवबंद ले जाकर की थी उसकी हत्या।
- हत्या के बाद शव को देवबंद की नहर में दिया था फेंक।
- घटना के बाद बुजुर्ग व्यक्ति के सिम को अपने मोबाइल में डालकर बनाई यू0पी0आई0 आईडी, बुजुर्ग के खाते से अब तक अपने खाते में किये 13 लाख रूपये ट्रांसफर।
जल्दी अमीर बनने की सनक—मामा-भांजे ने बुजुर्ग की कर दी नृशंस हत्या
देहरादून पुलिस ने किया खौफनाक मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश, दोनों आरोपी गिरफ्तार
देहरादून। एक खौफनाक साजिश, विश्वासघात की पराकाष्ठा और लालच की हदें पार कर देने वाला अपराध… खनन विभाग से सेवानिवृत्त 68 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली। पैसा कमाने की हवस में मामा-भांजे ने मिलकर बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके खाते से लाखों रुपये उड़ा लिए। पुलिस ने इस दिल दहला देने वाले मामले का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्याकांड की पूरी साजिश
मृतक जगदीश (68) मूल रूप से रायबरेली के रहने वाले थे और देहरादून में नथुवावाला ढांग इलाके में किराए पर रहते थे। उनके भांजे मोहित त्यागी की उनसे दोस्ती थी, जो रायपुर में ई-रिक्शा चलाता था। मोहित को पता चला कि जगदीश के बैंक खाते में करीब 25 लाख रुपये जमा हैं और परिवार से कटे होने के कारण उनका कोई खबर लेने वाला नहीं है। इसी बात को आधार बनाकर उसने अपने मामा प्रवीण त्यागी के साथ मिलकर बुजुर्ग को ठिकाने लगाने की खौफनाक साजिश रची।
मोहित ने जगदीश को झांसा दिया कि देवबंद में एक डॉक्टर उनका कैंसर ठीक कर सकता है। भरोसा जीतकर 4 फरवरी को वह जगदीश को अपनी सैंट्रो कार से देवबंद ले गया, जहां दोनों आरोपियों ने उनकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को कार की डिक्की में रखकर देवबंद की नहर में फेंक दिया।
हत्या के बाद भी अपराधियों ने खेल खत्म नहीं किया। मोहित ने जगदीश का सिम कार्ड निकालकर अपने मोबाइल में डाला और आधार कार्ड की फोटो से यूपीआई आईडी बनाकर बुजुर्ग के खाते से 13 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। इसके अलावा, 4.80 लाख रुपये नगद, 3.50 लाख रुपये का चेक और 5 लाख की एफडी भी हड़प ली।
ऐसे खुला पुलिस के सामने पूरा राज
बुजुर्ग की गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके भतीजे संजय कुमार ने रायपुर थाने में दर्ज कराई थी। जांच के दौरान जब पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन खंगाले तो लगातार एक ही खाते में रुपये ट्रांसफर होने का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस उस संदिग्ध खाते के मालिक मोहित तक पहुंची। जब मोहित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके मामा प्रवीण को भी देवबंद से धर दबोचा।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई सैंट्रो कार, 4.80 लाख रुपये नकद, 3.50 लाख रुपये का चेक, 5 लाख रुपये की एफडी, मृतक का सिम कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी बरामद की गई है।
पुलिस टीम की शानदार कार्रवाई
एसएसपी देहरादून के निर्देश पर रायपुर थाना पुलिस और एसओजी नगर टीम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। इस खुलासे में उ.नि. प्रदीप नेगी (थानाध्यक्ष रायपुर), उ.नि. संजय रावत, उ.नि. रविंद्र सिंह नेगी, अपर उ.नि. सुशील बलूनी समेत पूरी पुलिस टीम की अहम भूमिका रही।
लालच का नतीजा सलाखों के पीछे
पैसा कमाने के लालच में दो अपराधियों ने न सिर्फ एक निर्दोष बुजुर्ग की बेरहमी से हत्या कर दी बल्कि खुद को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिस की मुस्तैदी ने इस खौफनाक मर्डर मिस्ट्री का पर्दाफाश कर दिया और अपराधियों को कानून के शिकंजे में ला दिया।


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