- गर्भवती महिला से दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं, चिकित्सकों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई : कुसुम कण्डवाल
देहरादून। महिला अस्पताल हरिद्वार में गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना करने और अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आने के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल सख्त हो गई हैं। उन्होंने इस गंभीर घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, मजदूर की पत्नी को प्रसव पीड़ा के दौरान महिला अस्पताल लाया गया था। आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने प्रसूता को भर्ती करने से मना कर दिया। मजबूरी में महिला ने अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया। परिजनों और आशा वर्कर का कहना है कि डॉक्टरों ने न केवल मदद करने से इनकार किया बल्कि आशा वर्कर से कहा—“तेरा मरीज है, तू ही साफ कर।” इतना ही नहीं, जब आशा वर्कर ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो उसका फोन छीनने का भी प्रयास किया गया।
इस पूरे प्रकरण को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है जबकि सरकार प्रसूताओं और आमजन के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध करा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “गर्भवती महिला के साथ अमानवीय व्यवहार किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय है।”
उन्होंने इस घटना की जांच के लिए आयोग की सदस्य के साथ-साथ हरिद्वार के सीएमओ डॉ. आर.के. सिंह और डॉ. कमल जोशी को भी निर्देश जारी किए हैं। कण्डवाल ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों और जिम्मेदार स्टाफ के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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