त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्थगित, हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला
आरक्षण नियमावली अधिसूचित न होने पर लगी रोक, 25 जून को होगी अगली सुनवाई
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर फिलहाल विराम लग गया है। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड ने चुनाव प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है। आयोग की ओर से सोमवार देर शाम अधिसूचना जारी कर इसकी पुष्टि की गई।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग पहले ही पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर तिथियां घोषित कर चुका था, लेकिन आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) जारी किए बिना चुनाव कार्यक्रम घोषित करने को लेकर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने इस आधार पर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट में गणेश दत्त कांडपाल बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि राज्य सरकार द्वारा आरक्षण नियमावली विधिवत अधिसूचित नहीं की गई है। कोर्ट ने इस कारण आरक्षण निर्धारण और इससे जुड़ी पूरी प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया।
इधर, सोमवार को एक बार फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस बार दीपक किरोला बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य मामले में सरकार ने गजट अधिसूचना प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी संबंधित याचिकाओं को एक साथ सुनने के लिए 25 जून की तिथि तय की है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सभी कार्यवाहियों को रोक दिया है। आयोग ने कहा है कि आरक्षण एवं पद आवंटन की स्थिति स्पष्ट न होने के चलते नामांकन समेत आगे की कोई भी चुनावी प्रक्रिया अभी संभव नहीं है। ऐसे में आयोग ने स्पष्ट किया है कि नामांकन और अन्य सभी गतिविधियां अब अग्रिम आदेशों तक स्थगित रहेंगी।
उत्तराखंड की ग्रामीण राजनीति के लिहाज से यह फैसला अहम माना जा रहा है, क्योंकि पंचायत चुनाव लंबे समय से लंबित थे और इसे लेकर गांव-गांव में तैयारियां शुरू हो गई थीं। अब सभी की नजर 25 जून की अगली सुनवाई पर टिकी है।


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