देहरादून/इन्फो उत्तराखंड
उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही जहां प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर वन विभाग महकमा नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। ऐसे में महकमे के भीतर धधक रही आग को शांत करने के लिए सरकार ने शीर्षस्थ अधिकारी हेड ऑफ द फारेस्ट के समांनातर एक पद सृजित कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से शासनादेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि राज्यपाल की ओर सिफारिश पर वन विभाग के अन्तर्गत भारतीय वन सेवा संवर्ग नियमावली के तहत संवर्गीय पद की प्रकृति के समान एक प्रमुख वन संरक्षण सर्वोच्च वेतनमान, लेवल-17 क पद पर अस्थायी रूप से एक वर्ष के लिए सृजित किया गया है।
सरकार ने यह व्यवस्था पूर्व में लिए गए एक निर्णय को सही ठहराने के लिए की है। दरअसल सरकार ने बीते वर्ष नवंम्बर माह में वन विभाग के मुखिया पद हाॅफ पर विनोद सिंघल को तैनात किया था।लेकिन इस पर राजीव भरतरी के हटने के बाद यह सवाल उठे कि सीनियर की जगह जूनियर अधिकारी को महकमे की कमान सौंप दी गई थी। जिससे भरतरी के डिमोशन के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल भरतरी को सरकार ने जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था।
राजीव भरतरी ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट की चुनौती दी थी। जिसके बाद न्यायालय में सरकार अपने निर्णय से असहज दिखाई दी। लेकिन हाईकोर्ट में इसकी 18 अप्रैल को सुनवाई होगी। यदि फैसला भरतरी के पक्ष में आता है तो सरकार को उन्हें पुनः हाॅफ की कुर्सी सौंपनी पडे़गी। लेकिन निर्णय भरतरी के पक्ष में आता है तो उन्हें नए सृजित पर बैठाया जा सकता है। जिससे उनकी वरिष्ठता भी बनी रहेगी। और साथ ही सरकार अपने निर्णय पर भी कायम रहेगी।


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