कलस्टर विद्यालय योजना को बताया उत्तराखंड विरोधी, शिक्षक संघ ने जताई कड़ी आपत्ति
देहरादून। प्रदेश में लागू की जा रही कलस्टर विद्यालय योजना को लेकर शिक्षकों में गहरा असंतोष है। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की जिला कार्यकारिणी की ओर से इस योजना को “उत्तराखंड विरोधी और पहाड़ विरोधी” बताते हुए इसका पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया गया है।
जिला संरक्षक नरेश कुमार भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित इस विचार-विमर्श बैठक में सर्वसम्मति से योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर शिक्षा विभाग को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया।
भट्ट ने कहा कि यह योजना न केवल शिक्षकों के हितों पर आघात करेगी, बल्कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थिति में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना में 1400 से अधिक विद्यालयों को घटाकर 559 तक सीमित करने की तैयारी है, जिससे अनेक स्कूल बंद हो सकते हैं और बड़ी संख्या में शिक्षकों व कर्मचारियों के पद समाप्त हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस योजना में अनेक “स्वार्थपरक और एकपक्षीय निर्णय” दृष्टिगोचर हो रहे हैं, जिससे ग्राम्य क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच कमजोर होगी। पहाड़ों में सरकारी नौकरी ही प्रमुख रोजगार का साधन है और यह योजना उसपर भी सीधा प्रहार है।
कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखते हुए इसे ग्रामविरोधी, जनविरोधी और शिक्षा विरोधी योजना करार दिया। उन्होंने चेताया कि यदि इसे वापस नहीं लिया गया तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।
इस मौके पर ललिता रौतेला, उम्मेद बैरवाण, विजय भारती, चन्द्रदीप बिष्ट, राकेश बैरवाण, विष्णुदत्त किमोठी सहित कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।


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