- विज्ञापन संसोधन के लिए एनजीओज का धरना-प्रदर्शन, लघु सिंचाई विभाग के खिलाफ की नारेबाजी
- उत्तराखंड की संस्थाओं को बाहर रखने के षड्यंत्र का आरोप
- मुख्यमंत्री से मिलने को मांगा समय
देहरादून। लघु सिंचाई विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में परिवर्तन लाने के लिए एनजीओ संगठन प्रदेश स्वंय सेवी संस्था एसोसियेशन के बैनर तले राज्य भर से आए एनजीओज के सदस्यों ने चीफ इंजीनियर लघु सिंचाई कार्यालय में धरना देकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर यह विज्ञप्ति नहीं बदली गई तो इस आंदोलन को और अधिक उग्र बनाया जाएगा, संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भी समय मांगा है।
लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत अधिशासी अभियंता संगणना प्रकोष्ठ द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिसमें टर्नओवर से लेकर इस तरह के नियम बनाए गए हैं कि उत्तराखंड की संस्थाएं मानक में नहीं आ पा रही है। इसके खिलाफ उत्तराखंड के कोने-कोने से पहुंची संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सोमवार को चीफ इंजीनियर प्रदर्शन करते नारेबाजी की। संगठन ने कहा कि इस विज्ञप्ति को तत्काल उत्तराखंड के एनजीओ के पक्ष में परिवर्तित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर विज्ञप्ति में संशोधन नहीं किया गया तो इस आंदोलन को जारी रखा जाएगा, आरोप लगाया कि उत्तराखंड के एनजीओज को बाहर रखने के लिए इस प्रकार के कायदे कानून बनाए गए है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राज्य से बाहर की संस्थाओं को इस कार्य को दिए जाने के लिए इस प्रकार के जन विरोधी नियम बनाए गए है। इस कारनामे से नाराज एनजीओज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करने के लिए समय मांगा है। उन्होंने कहा कि चीफ इंजीनियर कार्यकाल पर धरना लगातार जारी रहेगा।
इस मौके पर एनजीओ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देव कुमार मलासी, संरक्षक कैलाश थलेडी, सचिव अनिल श्रेत्री, रामपाल सिंह बिष्ट, मनोज सिंह, जगत सिंह मर्तोलिया, अंजना, दामिनी, सुनीता, हेमलता, कुसुम,अरविंद उनियाल, शशि सिंह रावत, प्रकाश रमोला, दिनेश राज, संतोष मासीवाल, राकेश सिंह, अमित श्रीवास्तव, राकेश चन्द्रा, वरुण, वीपी शैली, एम.एम. जोशी, अनिल कगडियाल, रोशन मेहरा, लखबीर सिंह, राज बहादुर सैनी, जगत सिंह, परमानन्द भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।



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