देहरादून/इंफो उत्तराखंड
धामी सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए सूर्यधार बैराज योजना निर्माण कार्यों में पाई गई वित्तीय अनियमितताओं के चलते देहरादून में कार्यरत सिंचाई खण्ड के अधिशासी अभियंता डी०के०सिंह को सस्पेंड कर दिया है। इस संबंध में सचिव हरिचंद सेमवाल ने आदेश जारी किया है।
सचिव हरिचंद सेमवाल द्वारा जारी किए गए आदेश में सूर्यधार बैराज योजना निर्माण कार्यों में पाई गई वित्तीय अनियमितता के दृष्टिगत शासन ने जीवन चन्द्र जोशी, निदेशक, प्रशिक्षण सेंटर फॉर ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इन फाइनेशियल एडमिनिस्ट्रेशन की अध्यक्षता में त्रि-सदस्य समिति का गठन किया गया।
इस मामले में जाँच समिति द्वारा अपने पत्रांक- 77 / सूर्यधार बैराज / जांच / 2022-23 दिनांक 20 सितम्बर 2022 के द्वारा जांच आख्या उपलब्ध कराई गई है।
उक्त जाँच के आधार पर डी0के0 सिंह, को तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, सिचाई खण्ड देहरादून के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित (Contemplated) करती है, एवं जिन्हें जांचोपरान्त बृहद् दण्ड दिया जा सकता है।
अतः प्रश्नगत जाँच आख्या में इंगित अनियमिततओं के दृष्टिगत अधिशासी अभियंता डी०के० सिंह को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित भी किया जाता है।
निलम्बन की अवधि अधिशासी अभियंता डी०के० सिंह, को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भार 2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह के साथ कोई महंगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपातिक समायोजन प्राप्त नहीं था।
निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जबकि डी०के०सिंह इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति व्यवसाय में नहीं लगे हैं। निलम्बन अवधि में डी०के०सिंह, अधिशासी अभियन्ता कार्यालय प्रमुख अभियन्ता, सिचाई विभाग, उत्तराखण्ड से सम्बद्ध रहेंगे।
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