उत्तराखंड

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में 5 वीं अनुसूची लागू हो – धीरेन्द्र प्रताप

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में 5 वीं अनुसूची लागू हो – धीरेन्द्र प्रताप

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के संरक्षक एवं प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में 5वीं अनुसूची लागू की जाए जिसके तहत परिसीमन में पर्वतीय क्षेत्रों की विधानसभा सीटें कम न हो सके। आगामी परिसीमन में पर्वतीय इलाकों में परिसीमन का मूल आधार जनसंख्या है जिस वजह से विधानसभा की सीटें घटेंगी ।

शेड्यूल 5 लागू होने से हमारे जल जंगल जमीन जो राज्य निर्माण की मूलाधारणा थी उनकी रक्षा हो सकेगी। सन् 1972 से पहले उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में संविधान की 5वीं अनुसूची लागू थी। पहाड़ में शेड्यूल डिस्ट्रिक्ट एक्ट 1874 लागू था । उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र कुमाऊं कमिश्नरी के अधीन था ।

यह भी पढ़ें 👉  "अंकिता भंडारी हत्याकांड : न्याय पर सवाल और जनता का आक्रोश" - जब तक दोषी फांसी पर नहीं चढ़ते, स्वाभिमान मोर्चा चुप नहीं बैठेगा!

सन् 1921से नॉन रेगुलेशन एक्ट लागू था जिसके तहत राजस्व पुलिस पटवारी व्यवस्था लागू थी। 1995 तक पहाड़ के लोगों को 6 प्रतिशत आरक्षण मिलता था। उत्तरप्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा विशेष पैकेज दिया जाता था। राज्य को अनुसूची 5 के तहत अनुसूचित जनजाति का दर्ज मिल जाता है तो जल जंगल जमीन का अधिकार स्वतः ही मिल जाएगा। 1965 में भारत सरकार द्वारा गठित लोकुर कमेटी ने ऐसे मानक तैयार किए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  अंकिता हत्याकांड में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद, हर धारा में सुनाई गई कड़ी सजा

जिसके आधार पर किसी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया जाता है उन मानकों पर उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके के मूल निवासी खरे उतरते हैं जो अपनी बोली भाषा पहनावा संस्कृति देवी देवता से अपनी पहचान बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे सम्मुख अपनी पहचान बचाने का संकट चुनौती है जिस के लिए मुहिम छेड़ी गई है।पिछले दिनों दिल्ली जंतर मंतर पर देश के विभिन्न शहरों के प्रवासी उत्तराखंडीयों ने लामबंद होकर केंद्र सरकार को ललकारा।

यह भी पढ़ें 👉  नर्सिंग महासंघ ने स्वास्थ्य सचिव से की भेंट, 1000 नए पदों की मांग के साथ सौंपा ज्ञापन

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजे जिससे इसे लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्षों के बाद राज्य मिला लेकिन पहाड़ के अधिकार मूलभावना का हनन हो रहा जिसके लिए संघर्ष करना होगा तभी हमारा अस्तित्व बचेगा।

Ad
"सूचीबद्ध न्यूज़ पोर्टल"

सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, देहरादून द्वारा सूचीबद्ध न्यूज़ पोर्टल "इंफो उत्तराखंड" (infouttarakhand.com) का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड सत्य की कसौटी पर शत-प्रतिशत खरा उतरना है। इसके अलावा प्रमाणिक खबरों से अपने पाठकों को रुबरु कराने का प्रयास है।

About

“इन्फो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) प्रदेश में अपने पाठकों के बीच सर्वाधिक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है। इसमें उत्तराखंड से लेकर प्रदेश की हर एक छोटी- बड़ी खबरें प्रकाशित कर प्रसारित की जाती है।

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित में सदुपयोग सुनिश्चित करना भी आपने आप में चुनौती बन रहा है। लोग “फेक न्यूज” को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, और सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास लगातार कर रहे हैं। हालांकि यही लोग कंटेंट और फोटो- वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में लगातार सेंध लगा रहे हैं।

“इंफो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उतर रहा है, कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं। ताकि समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें। यदि आप भी “इन्फो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) के व्हाट्सऐप व ईमेल के माध्यम से जुड़ना चाहते हैं, तो संपर्क कर सकते हैं।

Contact Info

INFO UTTARAKHAND
Editor: Neeraj Pal
Email: [email protected]
Phone: 9368826960
Address: I Block – 291, Nehru Colony Dehradun
Website: www.infouttarakhand.com

To Top