- डीएलएड प्रशिक्षुओं का सब्र टूटा, शिक्षा मंत्री आवास का किया घेराव
- 13 जिलों के 650 प्रशिक्षु उतरे सड़क पर, प्राथमिक शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण की मांग
देहरादून। तीन महीने से वादों और आश्वासनों के जाल में उलझे डीएलएड प्रशिक्षुओं का सब्र आखिरकार जवाब दे गया। उत्तराखंड के 13 जिलों से आए 650 से ज्यादा प्रशिक्षु सोमवार को सड़कों पर उतर आए। बिंदाल पुल से लेकर शिक्षा मंत्री के आवास तक गगनभेदी नारों के साथ रैली निकाली गई। हाथों में तख्तियां, माथे पर संघर्ष का पसीना और दिलों में नौकरी की आस लिए प्रशिक्षु शिक्षा मंत्री आवास के बाहर डट गए।
रैली में कैलाश नाथ, सिद्धार्थ रावत, राहुल सोनी, रिया, भावना, अंकित त्रिवेदी, चंदन पंवार और सुरेश समेत सैकड़ों प्रशिक्षु शामिल रहे। पुलिस ने उन्हें मंत्री आवास के गेट पर ही रोक दिया, लेकिन जज्बे के आगे बैरिकेड्स भी फीके पड़ गए। भीषण गर्मी में भी प्रशिक्षु सड़क पर बैठकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते रहे।
प्रशिक्षुओं का आरोप है कि प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद शिक्षा मंत्री ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती के द्वितीय चरण का वादा किया था। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद न तो भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया।
“अब सिर्फ वादा नहीं, भर्ती चाहिए,”
यही नारा प्रशिक्षुओं के गगनभेदी हुंकार में गूंजता रहा।
25 मार्च से प्रशिक्षु शिक्षा निदेशालय में प्रतीकात्मक धरना दे रहे हैं, लेकिन लगातार अनसुनी के चलते अब आंदोलन ने तेज रूप पकड़ लिया है। प्रशिक्षुओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
जगह-जगह लगा रहा ‘न्याय दो’ के नारों का शोर
रैली के दौरान बिंदाल पुल से लेकर मंत्री आवास तक रास्ता ‘भर्ती शुरू करो’ के नारों से गूंजता रहा। राहगीरों ने भी प्रशिक्षुओं के संघर्ष को सराहा और सरकार से जल्द समाधान की मांग की।


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