- CBI जांच की मांग पर झुकी सरकार : बेरोजगार संघ
- – CM धामी बोले : युवाओं पर लगे मुकदमे होंगे वापस
रिपोर्ट/नीरज पाल
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर पिछले आठ दिनों से जारी युवाओं का धरना आखिरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दखल के बाद स्थगित हो गया। सीएम धामी आज खुद धरना स्थल पर पहुंचे और युवाओं से बात कर उनकी मुख्य मांग सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी।
युवा संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि सीएम की संस्तुति के बाद फिलहाल धरना कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है।
सीएम ने मानी युवाओं की बात, CBI जांच की संस्तुति : राम कंडवाल
लंबे समय से सीबीआई जांच की मांग पर अड़े युवाओं से पहले जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह सहित आला अधिकारियों ने बात की थी, लेकिन युवा अपनी मांग पर डटे रहे। आठवें दिन खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे।
सीएम ने न सिर्फ युवाओं को परीक्षा मामले में अब तक हुई हर कार्रवाई की जानकारी दी, बल्कि उनकी मुख्य मांग को मानते हुए सीबीआई जांच के लिए लिखित संस्तुति भी दी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि परीक्षा देने वाले छात्रों पर चल रहे सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने युवाओं से जल्द से जल्द नामों की लिस्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
इस मामले में सरकार पहले ही सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन समेत एक दारोगा और सिपाही को निलंबित कर चुकी है। जांच में इन अधिकारियों-कर्मचारियों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने और असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन की पेपर सॉल्वर के तौर पर भूमिका पाई गई थी।
मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का भी गठन किया है। यह आयोग एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर संज्ञान लेगा और आगे मार्गदर्शन देगा।
आरोपी खालिद ने बताया था कैसे लीक हुआ था प्रश्नपत्र
प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया था। खालिद ने पुलिस को बताया कि उसने शॉर्टकट अपनाया और अपनी बहन को भी इस जाल में फंसा दिया।
जानकारी के अनुसार, परीक्षा वाले दिन खालिद मुख्य गेट की चेकिंग से बचकर पीछे खेतों की तरफ बने छोटे दरवाजे से अंदर दाखिल हुआ था। वह जुराब में छिपाकर एक आईफोन 12 मिनी मोबाइल ले जाने में सफल रहा था। परीक्षा के दौरान, वह शौचालय गया, जहां से फोन लाया और कक्ष में प्रश्नपत्र के तीन पन्नों में से 12 प्रश्नों की फोटो खींचने में कामयाब रहा। उसने जैमर की रेंज से बचकर फिर से शौचालय में जाकर ये फोटो अपने घर वाले मोबाइल पर भेजे। इसके बाद उसकी बहन ने ये तस्वीरें आगे प्रोफेसर को भेजीं और यहीं से मामला खुल गया।



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