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देहरादून/इन्फो उत्तराखंड
देहरादून से बड़ी खबर सामने आ रही जहां आज हरीश रावत ने चुनाव खत्म होने के बाद अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट डाली जिसमें उन्होने कहा कि सोशल मीडिया पर मुझ पर कुछ लोग हमले करने वालों की बाढ़ सी आ गई है। हरीश रावत ने कहा कि धामी की धूम वाले पेज पर जुटकर मुझ पर भाजपा वाले दिन प्रतिदिन हमला करते रहते है। ऐसे में हरीश रावत ने कहा कि भाजपा वालों के साथ हमारे एक नेता से जुड़े होने से कुछ लोग मेरे ऊपर भी गोले भी दाग रहे है। उनको लगता है, कि हरीश रावत को नीचे गिराकर मार देना का यही एक मौका है।
हरीश रावत ने कहा कि मैं 241 किलोमीटर दूर एक अनचाही चुनावी जंग में फंस चुका था। जिसमें मुझे 3-4 मार्च तक कहीं भी हो रहा हो उसकी खोजबीन लेने की फुर्सत ही नहीं मिल पा रही थी। लेकिन हरीश रावत ने कहा कि ये लोग कहां से एक यूनिवर्सिटी का मामला उठा, किसने उसको उठाया, और उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया। यह कहानी अब सारे राज्य के लोगों को स्पष्ट मालूम है। कि यूनिवर्सिटी की बात कहने वाले व्यक्ति कि सियायी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला का नाम भी सामने आ चुका है।
एक विस्फोट बात करने वाले व्यक्ति को हरिद्वार ग्रामीण में पर्यवेक्षक बनाकर किसने भेजा और किसके कहने पर भेजा।
यह तथ्य अभी जरूर स्पष्ट नहीं हुआ लेकिन उद्देश्य स्पष्ट था कि हरिद्वार ग्रामीण जो पहले से ही संवेदनशील चुनाव क्षेत्र है, वहां की उम्मीद्दवार को चुनाव में हराना, और वह बाद में मेरी बेटी है अर्थात कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे।
यह तथ्य अभी जरूर स्पष्ट नहीं हुआ लेकिन उद्देश्य स्पष्ट था कि हरिद्वार ग्रामीण जो पहले से ही संवेदनशील चुनाव क्षेत्र है, वहां की उम्मीद्दवार को चुनाव में हराना, और वह बाद में मेरी बेटी है अर्थात कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे।
मैं जानता हूं यदि मैं इस पूरे घटनाक्रम कि जांच की मांग को लेकर कांगेगस कार्यालय में उपवास पर बैठ गया तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पडेगी। मैं जानता हूं कि पार्टी को गहरे घाव जरूर लगे है, मैं अपने घाव को उभरकर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता हूं मगर मुझे अपने पर निरंतर लगाए गए या लगाए जा रहे झूठ आरोप और उसके दुष्प्रचार मुझ पर लगे है मै उनका खंडन भी करूगां।
मैंने पिछले दिनों उस समाचार पत्र की 10 प्रतियां लाकर मुझे दिखाने की चुनौती भाजपा के धामी की धूम पेज के शोहदों को दी थी और कहा था कि वह ऐसा समाचार पत्र लाने वाले को ₹ 50000 इनाम देंगे, अब इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ तथाकथित कांग्रेसी छाप लोग भी सम्मिलित हो गए हैं। इसलिए मैंने अब यह राशि बढ़ाकर ₹ 100000 कर दी है।
यदि कोई अखबार छपा है, तो उस समाचार पत्र का पंजीकरण नंबर, मुद्रक, प्रकाशक, वितरक तो होगा! कहां से छपा है उस स्थान का नाम होगा! छापने वाले संपादक व संवाददाता का नाम होगा! केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर एक झूठ को उपजाने वाली भाजपा व उनकी मदद कर रहे कांग्रेस छाप लोगों को मेरी चुनौती है कि वह ऐसा अखबार लाएं जिसमें मैंने यूनिवर्सिटी को लेकर बयान दिया है। मैंने धामी की धूम पेज के इस कुकृत्य की जांच की मांग भी की है। जिस दिन प्रमाणित तौर पर यह सारे तथ्य सामने आ जाएंगे तो मैं, गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा।
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