शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा : हरीश रावत
देहरादून। संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह में रविवार को गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जनपद के करीब 500 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्य मंत्री महावीर सिंह रावत व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट रहे।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और बच्चों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। इस दौरान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला गया और चिपको आंदोलन की प्रतीक गौरा देवी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु ही शिष्य को ईश्वर से जोड़ता है और गुरु कृपा के बिना जीवन की पूर्णता संभव नहीं। उन्होंने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि टीईटी परीक्षा के मौजूदा हालातों में किसी भी शिक्षक का अहित नहीं होने दिया जाएगा। रावत ने कहा कि पूर्व में नियुक्त शिक्षक तद्समय की नियमावली के तहत ही चयनित हुए हैं।
कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र सिंह ‘नेगी गुरुजी’ ने कहा कि शिक्षक जीवन के दीपक हैं, जो केवल किताबों का ज्ञान नहीं बल्कि जीवन मूल्यों और आत्मविश्वास का पाठ भी पढ़ाते हैं।
इस अवसर पर राजकीय माध्यमिक, प्राथमिक और अशासकीय विद्यालयों के सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इनमें अंजना राणा, विजया शर्मा, धर्मेंद्र पंवार, अमिता रावत, पुष्पा मधवाल, गीता सिंधवाल, अर्चना ठाकुर, शोभा जुगराण, रविंद्र भट्ट, अवधेश बहुगुणा, नरेंद्र सिंह, दिनेश डोबरियाल, नीरज वर्मा, कुलदीप जोशी, विनोद पांडे, विजय भट्ट आदि प्रमुख रहे।
कार्यक्रम में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। संचालन सतीश घिल्डियाल ने किया।



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