- एनसीआरबी रिपोर्ट : उत्तराखण्ड में महिला अपराधों में लगातार गिरावट, साइबर यौन अपराधों में 13 प्रतिशत कमी।
- – चोरी हुई सम्पत्ति की बरामदगी राष्ट्रीय औसत से दोगुनी, एनसीआरबी रिपोर्ट में राज्य का बेहतर प्रदर्शन
- – गुमशुदा बच्चों के आंकड़ों में भ्रम दूर, पुलिस ने वर्ष 2023 में 933 बच्चों को सुरक्षित बरामद किया।
देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस की निरंतर कार्रवाई के परिणाम स्वरूप राज्य में महिलाओं के प्रति अपराधों में लगातार कमी आई है। पुलिस मुख्यालय में आज प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) डॉ. नीलेश आनन्द भरणें ने एनसीआरबी की रिपोर्ट के आंकड़ों को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में राज्य में 4337 महिला अपराध दर्ज किए गए थे, जो 2023 में घटकर 3808 और 2024 में केवल 3342 रह गए। महिला अपराध में हत्या के मामलों में वर्ष 2024 में 2023 की तुलना में 1.75 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। दहेज हत्या के मामलों में 20 प्रतिशत और अपहरण के मामलों में 94 प्रतिशत मामलों का अनावरण किया गया। बलात्कार के मामलों में 98 प्रतिशत सफलता मिली।
साइबर अपराध के क्षेत्र में भी पुलिस सक्रिय रही, जिसके परिणामस्वरूप साइबर यौन अपराधों में वर्ष 2024 में 13 प्रतिशत की कमी आई।
डीआईजी ने मीडिया को स्पष्ट किया कि वर्ष 2023 में राज्य में कुल 1025 बच्चे गुम हुए थे, जिसमें 729 बालिकाएँ और 296 बालक शामिल थे। उत्तराखण्ड पुलिस ने 933 बच्चों को बरामद किया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इन्हें गुमशुदा दिखाया गया था, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। शेष 92 बच्चों में से अब तक 77 बच्चों को भी सुरक्षित बरामद किया जा चुका है।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2023 की एनसीआरबी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड में आर्म्स एक्ट के तहत अपराधों में राज्य ने पूरे भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। हत्या के मामलों में 2.14 प्रतिशत की गिरावट हुई और राज्य पूरे भारत में 7वें स्थान पर है। चोरी हुई सम्पत्ति की बरामदगी दर राष्ट्रीय औसत 31.4 प्रतिशत के मुकाबले 52.4 प्रतिशत रही।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस अपराध नियंत्रण और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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