श्रद्धा के नाम पर अराजकता बर्दाश्त नहीं – पंकज कपूर
कांवड़ यात्रा में हिंसक घटनाओं पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने जताई कड़ी आपत्ति
उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सावन कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान लगातार सामने आई हिंसात्मक घटनाओं पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज कपूर ने आज देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सनातन श्रद्धा और शिवभक्ति का महापर्व है, लेकिन दुर्भाग्यवश इस बार कई स्थानों पर श्रद्धा के नाम पर सरेआम अराजकता, उत्पात और भय का माहौल बना दिया गया, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
मीडिया प्रभारी कपूर ने प्रमुख घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि, हरिद्वार–रुड़की में मामूली टक्कर के बाद वाहन में तोड़फोड़ की गई और सार्वजनिक यातायात अवरुद्ध हुआ।
मुजफ्फरनगर में युवक की पिटाई, धार्मिक उकसावे की अफवाहें फैलाई गईं।
गाजियाबाद–मोदीनगर में गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की गयी, जिसमें चालक को गंभीर चोटें आई।
नोएडा–NH-34 पर सड़क पर पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया, जिसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
हर की पौड़ी, हरिद्वार में दुकान में घुसकर मारपीट की गई जिसमें दुकानदार को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
रीजनल पार्टी ने सरकार और प्रशासन पर साधा निशाना, उठाये सवाल
1.क्या श्रद्धालुओं के नाम पर उपद्रवियों को खुली छूट दी गई है?
2. क्या CCTV, ड्रोन, SDRF जैसी व्यवस्थाएं केवल कागज़ों में हैं?
3. क्या स्थानीय व्यापारियों की संपत्तियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है?
4. क्या 170+ नामजद आरोपियों में किसी का राजनीतिक संरक्षण नहीं है?
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने की यह मांग
● कांवड़ यात्रा में हिंसा फैलाने वालों की सार्वजनिक पहचान और गिरफ्तारी।
●राजनीतिक संरक्षण प्राप्त उपद्रवियों की जांच SIT के माध्यम से कराई जानी चाहिए।
● स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों को हुए नुकसान की भरपाई भी इन्ही लोगों से करवानी चाहिए।
● सभी जिलों में साउंड नियमों और सड़कों पर नियंत्रण के स्पष्ट निर्देश जारी करें।
● साथ ही अगले वर्षों के लिए ठोस सुरक्षा और अनुशासनिक रोडमैप की सरकार और प्रशासन को अभी से घोषणा करनी चाहिए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी कपूर ने कहा कि, “हम शिवभक्तों का स्वागत करते हैं, लेकिन जो लोग भगवान के नाम पर उत्पात करते हैं, वह ना तो श्रद्धालु हैं, ना समाज के लिए आदरणीय। ऐसी अराजकता से उत्तराखंड की छवि धूमिल हो रही है। सरकार अगर चुप रही तो जनता सवाल पूछेगी और रीजनल पार्टी हमेशा की तरह जनता के उन सवालों की आवाज़ बनेगी।”



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