उत्तराखंड

देहरादून के मजाडा गांव में छिन गया लोगों का आशियाना, लोग घर छोड़ने पर मजबूर.. देखिए विशेष रिपोर्ट

  • देहरादून के मजाडा गांव में छिन गया लोगों का आशियाना, लोग घर छोड़ने पर मजबूर

रिपोर्ट/ नीरज पाल

देहरादून। कभी अपनी खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर, सहस्रधारा से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित मजाडा गांव अब एक खौफनाक मंजर में तब्दील हो चुका है। बीते सोमवार रात को बादल फटने के बाद यहां चारों ओर तबाही का मंजर पसरा है। गांव में हर तरफ टूटे और मलबे में दबे घर, बड़े-बड़े पत्थर और बोल्डर बिखरे पड़े हैं। इस भयावह दृश्य ने गांव वालों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं।

आपदा के बाद से गांव में बारिश और बादलों की हर गड़गड़ाहट लोगों को डरा रही है। दहशत का आलम यह है कि कोई भी परिवार अब गांव में रुकने का जोखिम नहीं लेना चाहता।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून में दौड़ी ‘सखी कैब’, जल्द जुड़ेंगे 6 और ईवी वाहन

पहाड़ों में आई दरार से बढ़ा खतरा

आपदा के बाद मजाडा गांव के पहाड़ों में भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसने गांववालों के डर को और बढ़ा दिया है। लोगों का कहना है कि इन दरारों को देखकर ही डर लगता है। उन्हें इस बात का भी डर है कि दरार के कारण बचा हुआ गांव भी ढह सकता है।

गांव की रहने वाली सुमित्रा रावत ने बताया, “मजाडा में रहना अब सुरक्षित नहीं है। मैंने आज से पहले कभी इतनी बड़ी आपदा नहीं देखी। हमारा रोजगार तक छूट गया है और आपदा ने सब कुछ छीन लिया है।” इसी तरह, कमला देवी कहती हैं, “अब गांव के पहाड़ में मोटी दरार आ गई है। कभी भी हादसा हो सकता है। सरकार को हमें किसी दूसरी जगह बसाना चाहिए।”

यह भी पढ़ें 👉  ब्रह्मकमल शक्ति संस्था व दून डायलॉग ने किया 'देवभूमि के 25 वर्षों का चिंतन' कार्यक्रम आयोजित

उजड़े आशियाने, खाली हो रहा गांव

गांव के अधिकांश परिवार सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। जो कुछ लोग बचे हैं, वे हर सुबह आकर अपने पशुओं को चारा-पानी देकर लौट जाते हैं। गांव के रास्ते भी पूरी तरह से बह चुके हैं और आशियाने खंडहर में बदल गए हैं।

स्वास्ती देवी ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा, “आपदा ने हमसे हमारा घर तक छीन लिया है। मैंने ऐसा मंजर कभी नहीं देखा। मैंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है, क्योंकि यहां कुछ भी सुरक्षित नहीं है।” आरती ने बताया कि 2011 में भी इतनी तबाही नहीं हुई थी, लेकिन इस बार पूरा गांव उजड़ चुका है।

यह भी पढ़ें 👉  राष्ट्रीय रेड रन मैराथन में अनीशा ने जीता स्वर्ण पदक!

गांव में रहने वाले 45 परिवारों में से सात से दस घर पूरी तरह से ढह गए हैं। अब गांव वाले सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि पूरे गांव को किसी सुरक्षित जगह पर बसाया जाए, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रह सकें।

Ad
"सूचीबद्ध न्यूज़ पोर्टल"

सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, देहरादून द्वारा सूचीबद्ध न्यूज़ पोर्टल "इंफो उत्तराखंड" (infouttarakhand.com) का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड सत्य की कसौटी पर शत-प्रतिशत खरा उतरना है। इसके अलावा प्रमाणिक खबरों से अपने पाठकों को रुबरु कराने का प्रयास है।

About

“इन्फो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) प्रदेश में अपने पाठकों के बीच सर्वाधिक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है। इसमें उत्तराखंड से लेकर प्रदेश की हर एक छोटी- बड़ी खबरें प्रकाशित कर प्रसारित की जाती है।

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित में सदुपयोग सुनिश्चित करना भी आपने आप में चुनौती बन रहा है। लोग “फेक न्यूज” को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, और सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास लगातार कर रहे हैं। हालांकि यही लोग कंटेंट और फोटो- वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में लगातार सेंध लगा रहे हैं।

“इंफो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उतर रहा है, कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं। ताकि समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें। यदि आप भी “इन्फो उत्तराखंड” (infouttarakhand.com) के व्हाट्सऐप व ईमेल के माध्यम से जुड़ना चाहते हैं, तो संपर्क कर सकते हैं।

Contact Info

INFO UTTARAKHAND
Editor: Neeraj Pal
Email: infouttarakhand7@gmail.com
Phone: 9368826960
Address: I Block – 291, Nehru Colony Dehradun
Website: www.infouttarakhand.com

To Top