देहरादून। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को देहरादून के न्यू कैंट रोड़ स्थित कैम्प कार्यालय में ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में बरसात के कारण बंद हुई सड़कों के संबंध में बैठक की।
बैठक के दौरान मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बंद सड़कों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और प्रत्येक दिन की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बंद सड़कों को यथाशीघ्र खोलना सुनिश्चित किया जाए ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
ग्राम्य विकास मंत्री जोशी ने कहा कि कल शाम तक प्रदेश में पीएमजीएसवाई की 94 सड़कें बंद थी, जिसमें से 33 सड़कें खोल दी गई। वर्तमान में प्रदेश में अब पीएमजीएसवाई के अंतर्गत कुल 70 सड़कें बंद हैं, जिनमें 16 कुमाऊं और 54 गढ़वाल क्षेत्र की हैं। उन्होंने कहा कि अवरुद्ध सड़क मार्गों के लिए जेसीबी मशीनों की मदद से युद्ध स्तर पर मार्गों को बहाल करने का कार्य जारी है।
उन्होंने निर्माणाधीन सड़कों के कार्यों में तेजी लाने, गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने और सभी परियोजनाएं निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही अधिग्रहित भूमि का मुआवजा ग्रामीणों को शीघ्र वितरित करने, मलबा निस्तारण के लिए डंपिंग यार्ड की व्यवस्था और फील्ड अधिकारियों की ग्राउंड उपस्थिति अनिवार्य करने को कहा। लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई।
बैठक में एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने, प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए। मंत्री ने आगामी हरेला पर्व के अवसर पर ग्राम्य विकास विभाग को विगत वर्ष के लक्ष्य से अधिक संख्या में फलदार पौधों का अधिक से अधिक रोपण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने हाउस ऑफ हिमालयास के उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकिंग और मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत चल रहे कार्यों को भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
बैठक में सचिव राधिका झा, आयुक्त अनुराधा पाल, अपर सचिव झरना कमठान, यूआरआरडीए के सीईओ अभिषेक रुहेला, मुख्य अभियंता एसके पाठक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


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