चमोली/इंफो उत्तराखंड
उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली से पहाड़ों की हकीकत बयां करने वाली दुखद खबर सामने आ रही है, जहां उत्तराखंड के गठन के 21 साल पूर्ण हो चुके है, लेकिन स्थिति पहले से भी खराब है। लोगों को सड़क जैसे सुविधा उपलब्ध न होना भी अपने आप में बड़ी चुनौती है।
जहां एक बिमारी महिला को कुछ ग्राीमण व उनके परिवार वालों ने डंडी-कंडी के सहारे पांच किलोमीटर पैदल चलकर जिला अस्पातल गोपेश्वर तक पहुंचाया। वहीं यहां 21 वीं सदी के चकाचौंध वाले युग में हकीकत बयां करने के लिए पर्याप्त है।
वहीं बात करें चमोली जिले की जहां चमोली में एक बीमार महिला बिमला देवी को अतिरिक्त पांच किलोमीटर पैदल चलकर डंडी -कंडी से जिला अस्पताल तक पहुंचया गया। जहां ग्रामीणों का कहना कि बिरही निजमुला मोटर मार्ग भी जगह- जगह क्षतिग्रस्त होने के चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं पाणा, इराणी, झिंझी, भनाली, धार किमाला आदि गांवों का संपर्क भी कट चुका है। जिससे ग्रामीणों को अतिरिक्त पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। ग्राम प्रधान ईराणी मोहन नेगी ने बताया कि झिझी के समीप झूला पुल भी टूट गया है। जिससे ग्रामीणों को गदेरे फांदकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
ईराणी गांव के प्रधान मोहन नेगी के अलावा चंदन सिंह नेगी, दिनेश सिंह, सबर सिंह, अनिता देवी और हेमा नेगी ने कहा कि भारी वर्षा व सड़क निर्माण कार्य से गांव के पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बताते चलें कि उत्तराखंड की धामी सरकार में शिक्षा और स्वास्थ्य व लोक निर्माण विभाग जैसे अहम महकमों का नेतृत्व तेजतर्रार एवं अनुभवी कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज कर रहे है।
ऐसे में उनके पास अन्य महकमों की दयनीय स्थिति को सुधारने की न सिर्फ कड़ी चुनौती भी है। बल्कि एक सुनहरा अवसर भी है। अब देखना यह होगा कि इस तरह के स्वास्थ्य व सड़क जैसे सुविधाओं का मंत्री धन सिंह रावत व मंत्री सतपाल महाराज कब तक संज्ञान लेते है और इन महकमों को सुधारने केे लिए वे क्या प्रयास करते हैं, ये देखना होगा।
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