कमल सिंह रावत, यमकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल
यम्केश्वर/पौड़ी/इंफो उत्तराखंड
उत्तराखंड शासन द्वारा खनन अनुज्ञा नीति के मानकों को दर किनार कर ग्राम पंचायत बिजनी बड़ी के ग्राम बिजनी बड़ी में स्टोन क्रेशर प्लांट की स्वीकृति प्रदान की गई है।
जिसके बाद ग्राम पंचायत बिजनी बड़ी के निवासियों के निरन्तर विरोध एवं बिना ग्राम पंचायत के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना अपनी हठधर्मिता एवं तानाशाही रवैया अपनाकर स्टोन क्रेशर प्लांट लगाने की स्वीकृति जारी कर दी गई है। ग्रामवासी का निरन्तर विरोध एवं सभी प्रयास आज भी अपने हक में जारी है।
उक्त स्टोन क्रेशर प्लांट राज्य मार्ग संख्या 51 के सटा हुआ है। जिसके कारण ग्रामवासियों के साथ-साथ क्षेत्र के सभी नागरिकों को भी कईं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे आवाजाही तो बाधित होगी। साथ ही आम जन के साथ सम्पूर्ण क्षेत्र के निवासियों को सुगम यातायात, आपातकालीन सुविधाएं से भी निरन्तर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
प्लांट से निकलने वाले धूल के कणों, मिट्टी से आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा एवं ध्वनि, वायु प्रदुषण तथा जंगली जानवरों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। उक्त स्वीकृत प्लांट से सटा हुआ ग्रामवासियों का एक सार्वजनिक मंदिर एवं धर्मशाला निर्मित है तथा थोड़ी दूर पर स्कूल तथा आवासीय भवन भी निर्मित है।
यह है मुख्य बिंदु :-
1. यह है कि बड़ी बीजनी में स्थित क्रेशर जबरन स्थानीय जनता के लिए मौत का कुआं के रूप में खोला गया है जो कि समय आने पर आगामी भविष्य में किसी भी बड़ी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकता है।
2. यह कि उक्त मोटर मार्ग की चौड़ाई बहुत कम की जानकारी शासन से लेकर प्रशासन तक सभी को ज्ञात है जब उक्त क्रेशर के भरे हुए ट्रक सड़कों पर चलते हैं तो लंबे समय तक जाम लग जाता है।
ट्रक पलटने एवं चढ़ाई पर पीछे आने के कारण वाहन चालकों के अंदर डर का खौफ उत्पन्न रहता है आगामी भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना को उक्त क्रेशर अंजाम दे सकता है।
3. यह की रात्रि समय में उक्त क्रेशर प्लांट की आवाज से स्कूल के बच्चों को पढ़ाई करने में एवं बूढ़े बुजुर्गों और मात्र शक्तियों एवं स्थानीय गांव के निवासियों को रात्रि विश्राम करने में काफी मानसिक तौर से प्रताड़ित होना पड़ता है। जिससे बच्चों की पढ़ाई लिखाई में बाधा उत्पन्न हो रही है।
साउंड पोलूशन क्षेत्र में फैल रहा है, पूरी तरह रात्रि विश्राम मातृशक्ति बुजुर्गों को न मिलने के कारण कई प्रकार की बीमारियों से झेलने की आशंका जताई जा रही है।
4. यह की उक्त क्रेशर से धुंधला पोलूशन होने के कारण स्थानीय क्षेत्र में एवं खेतों में हरियाली पूरी तरह से नष्ट हो रही है जोकि आम जनमानस के लिए बीमारी का खतरा है जिसे उक्त क्षेत्र के स्थानीय कई गांव पलायन होने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
5. यह है कि उक्त क्रेशर के पोलूशन से क्षेत्र में अधिक बीमारी एवं हरे भरे पेड़ नष्ट होने के कारण बूढ़े बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों को घुटन सी महसूस हो रही है।
6. उक्त क्रेशर जबरन खोलने से बीमारियों को बढ़ावा देने के बराबर है स्थानीय जनता के जान के साथ शासन प्रशासन द्वारा जानबूझकर खेल खेला जा रहा है।
7. अगर उक्त क्रेशर नहीं हटाया जाता तो आने वाले समय में आसपास के सारे गांव पलायन की ओर दिखने लगेंगे सारे गांव खाली नजर आएंगे उसकी एक ही वजह होगी उक्त क्षेत्र में जबरन क्रेशर प्लांट लगाना।
8. उक्त क्रेशर को बीज गांव के बीचो बीच जबरन खोला गया है सार्वजनिक स्थानों के निकट खोला गया है जबकि उक्त क्षेत्र में निकट ही माता का मंदिर स्थित है स्कूल स्थित है गांव स्थित है निकट नीचे वाले हिस्से में सड़क मुख्य मार्ग स्थित है उसके बाद भी जबरन स्थानीय जनता के लिए मौत का कुआं खोला गया है यह कौन सा न्याय है।
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