- आफत की बारिश ने मचा दी तबाही, 8 कमरों का मकान आया खतरे की जद में
- कई खेतों सहित फलदार पेड़ मलवे में हुए दफन
रिपोर्ट/वाचस्पति रयाल
नरेंद्रनगर। इस वर्ष आफत की बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर डाले हैं। पहाड़ों में हो रही निरंतर मूसलाधार बारिश से खेत-खलियान, मकान-चौक बारिश की भेंट चढ़ते चले जा रहे हैं।
जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से काश्तकारों की मेहनत पर, बारिश ने ऐसा वज्रपात किया है कि फसलें चौपट हो गई हैं।
बात नरेंद्र नगर ब्लॉक की करें, तो यहां क्षेत्र में भारी बारिश के कारण चारों ओर तबाही के मंजर सामने आ रहे हैं। नरेंद्र नगर के कुमार खेड़ा में जीत सिंह राणा का मकान खतरे की जद में आ गया है।

मकान से सट कर नीचे की तरफ के कई खेत व खेतों में मौजूद अखरोट, नींबू व अन्य फलदार पेड़ों सहित, चारा पत्ती और छायादार पेड़ जमीन धंसने ने के कारण मलबे के ढेर में दफन हो गए हैं।
भारी मात्रा में मिट्टी धंसने और मिट्टी के बीच पानी का स्रोत फूटने से धंसती जा रही जमीन के कारण, मकान के आगे का चौक भी जबरदस्त भू-धंसाव की चपेट में आ गया है। जिसके कारण आठ कमरों वाले मकान की नींव भी खतरे की जद में आ चुकी है।
अब आठ कमरों के मकान को खतरा होने से परिवार दहशत में है। बीते तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से अनहोनी की आंशका को देखते हुए जीत सिंह राणा का परिवार रात को पड़ोसी नरपाल व आशा भंडारी के घर रहने को मजबूर हैं। गौशाला भी टूटने के कगार पर आ गई है। इसको देखते हुए जीत सिंह राणा ने अपनी गायों को देहरादून गौशाला में भिजवा दी हैं।
उन्होंने शासन-प्रशासन से सुरक्षा के उपाय करने और मुआवजा देने की मांग की है। कहा कि मकान की सुरक्षा के लिए आरसीसी की पक्की दीवार निर्मित की जाए। साथ ही वर्तमान में परिवार को रात्रि ठहरने के लिए फौरी तौर पर सरकारी निवास दिया जाए।
एसडीएम आशीष घिल्डियाल ने बताया कि पटवारी को मौके पर भेजकर आकलन करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। क्षेत्र वासियों का कहना है कि आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार करने के साथ राहत देने की बात करती है।
लिहाज़ा सरकार की इन बातों में सच्चाई है तो सरकार व शासन प्रशासन की ओर से जीत सिंह राणा को तत्काल आवास मुहैया कराया जाए।
अब तक हुए नुकसान की भरपाई की जाए व मकान की सुरक्षा के लिए, मकान के नीचे आरसीसी दीवार का निर्माण कराया जाए। तभी जाकर के मकान की कुछ सुरक्षा हो सकती है।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 इंफो उत्तराखंड के फेसबुक पेज से जुड़ें




