उत्तराखंड

बारिश के कहर ने डौंर गांव में मचाई तबाही, सब कुछ चढ़ गया आपदा की भेंट

  • बारिश के कहर ने डौंर गांव में मचाई तबाही, सब कुछ चढ़ गया आपदा की भेंट

रिपोर्ट/वाचस्पति रयाल

नरेंद्रनगर। विगत 15 सितंबर की भारी बारिश ने डौंर गांव में ऐसी तबाही मचा दी, कि धान के लहलहाते खेत-खलियान, आंगन- चौक, जूनियर व बेसिक दोनों विद्यालयों के भवन व गांव के तीन पुल सब कुछ आपदा की भेंट चढ़ गये।

रात को गांव में बिजली गायब थी, भारी बारिश की गड़गड़ाहट और बादलों के रगड़ से उत्पन्न बिजली की कड़कड़ाहट के बीच किसी तरह लोग रात काटने को मजबूर रहे।

रात को आसमानी आफत की भय से जागते रहे गांव वासी रात खुलने का इंतजार करते रहे। रात खुली तो ग्रामीणों की आंखें डबडबा आई। गांव का गधेरा ऊफान पर था।

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जूनियर हाई स्कूल और बेसिक स्कूल के भीतर गधेरा का पानी ने तबाही मचा कर रख दी। दोनों भवनों को इतनी ज्यादा क्षति पहुंची कि बेसिक विद्यालय जमीन में धराशाई हो गया। जूनियर हाई स्कूल की बिल्डिंग और फर्नीचर टूट कर सब मिट्टी में मिल गया। विद्यालय का शौचालय और किचन भी पानी में बह गया।

खेतों में लहलहाती धान की फसलें आपदा की भेंट चढ़ गई। खेत आपदा में बह कर चले गए। गांव में निर्मित 3 पुल भी आपदा ने लील लिए।
पैदल रास्ते, गांव की गूल, हौज, पानी के स्रोत, पेयजल लाइनें सब कुछ बर्बादी के निशान बनकर रह गए।

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आसमानी आफत की कयामत की रात जो तबाही मची, उसकी तस्वीरें जब सुबह ग्रामीणों ने देखी, तो वे अवाक व सन्न रह गए। ग्रामीणों का दिल दहल उठा।

इस कयामत रूपी बारिश ने गांव का नक्शा व भूगोल ऐसा बदल डाला, कि अपनी इस माटी को देख ग्रामीण सिहर उठे। ग्रामीणों को अब चिंता सता रही है कि गांव के बच्चे अपना पठन-पाठन कहां और कैसे करेंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि 11 सितंबर,2011 में भी एक बड़ी आपदा इस गांव ने झेली थी। जिसमें 6 जिंदगियां मौत के मुंह में समा गई थी।
उसके बाद हर वर्ष बरसात में गांव वालों को ऐसी ही परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। इसलिए उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस गांव को विस्थापन करने की कार्रवाई की जाए।

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आज गांव में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गांव के निवासी और क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम कैंतुरा मय तहसील प्रशासन की ओर से पटवारी विनोद राणा के साथ गांव पहुंचे। गांव में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति का आकलन किया गया ।

ग्रामीणों के लिए अभिशाप बनी इस आपदा पर तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने कहा है कि पटवारी की आख्या के आधार पर ग्रामीणों को यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति राहत धनराशि दे दी जाएगी।

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