- गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद
- मुखबा में होंगी मां गंगा की पूजा-अर्चना
देहरादून। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व के शुभ अवसर पर विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूर्वाह्न 11:36 बजे अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही मां गंगा की उत्सव डोली जयकारों, आर्मी बैंड, ढोल-दमाऊ और सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ गंगोत्री धाम से अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुई।

मां गंगा का रात्रि विश्राम बुधवार को मार्कण्डेयपुरी स्थित मां चंडी देवी मंदिर में होगा, जबकि भैया दूज के पर्व पर डोली अपने मायके मुखबा पहुंचेगी। शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा स्थित गंगा मंदिर में मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे। मां गंगा की भोग मूर्ति अब अगले छह माह तक सोमेश्वर देवता के साथ मुखबा में विराजमान रहेगी।

इस वर्ष करीब 7.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए। यात्रा के दौरान उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के नेतृत्व में पुलिस, फायर सर्विस और एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। कठिन परिस्थितियों में भी जवानों ने 24 घंटे ड्यूटी पर मुस्तैदी से कार्य करते हुए श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाया।

यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं के रास्ता भटकने, भूस्खलन या बारिश के कारण फंसे होने पर पुलिस, एसडीआरएफ और फायर सर्विस की टीमों ने तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाकर मदद पहुंचाई। वहीं, कई मामलों में पुलिस कर्मियों ने श्रद्धालुओं के खोए पर्स, बैग और कीमती सामान लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की।
श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ की सेवाओं की मुक्त कंठ से सराहना की। उत्तरकाशी पुलिस ने कहा है कि वह श्रद्धालुओं की कुशल और सुरक्षित यात्रा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और अगले वर्ष गंगोत्री धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करती है।
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