पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, सरकार को फटकार — बुधवार को दोपहर 2 बजे होगी अहम सुनवाई
खंडपीठ ने पूछा– अब इतनी जल्दी क्यों, एक साल तक क्यों सोई रही सरकार?
नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगी न्यायिक रोक फिलहाल बरकरार रहेगी। मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार के अनुरोध पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को बुधवार दोपहर 2 बजे के लिए सूचीबद्ध किया है। मुख्य न्यायाधीश जी.एस. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार से दो-टूक सवाल किया— “जब एक साल से ज्यादा वक्त तक चुनाव नहीं कराए, तो अब इतनी हड़बड़ी क्यों?”
मंगलवार को राज्य सरकार ने अदालत में केस मेंशन कर अनुरोध किया था कि नई नियमावली और रोटेशन के संबंध में 14 जून को जारी गजट नोटिफिकेशन के आधार पर तुरंत सुनवाई की जाए। सरकार ने दलील दी कि पिछली सुनवाई के दौरान यह गजट नोटिफिकेशन पेश नहीं किया जा सका, जिससे “कम्युनिकेशन गैप” पैदा हुआ। इस पर खंडपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “पिछले आदेशों के बावजूद सरकार ने चुनाव नहीं कराए, अब इसमें जल्दी की क्या बात है?”
सभी याचिकाएं होंगी एक साथ
मामले में बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने 9 जून को नई नियमावली और 11 जून को पुराने आरक्षण रोटेशन को रद्द कर नया रोटेशन लागू करने का आदेश जारी कर दिया, जो हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों के विपरीत है। मंगलवार को दीपिका किरौला सहित अन्य याचिकाओं की भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने निर्णय लिया है कि सभी संबंधित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की जाएगी।
बुधवार की सुनवाई निर्णायक मानी जा रही
अब बुधवार को अपराह्न 2 बजे इस पूरे मामले पर विस्तृत सुनवाई होगी। तब तक राज्य में पंचायत चुनाव पर लगी रोक यथावत रहेगी। इस अहम सुनवाई में यह तय हो सकता है कि राज्य में पंचायत चुनाव कब और किन शर्तों पर होंगे।

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