बेकाबू मर्सिडीज़ ने बरपाया कहर: चार मजदूरों की मौत, दो घायल
देहरादून। थाना राजपुर क्षेत्र के उत्तरांचल हॉस्पिटल के पास मंगलवार को तेज रफ्तार और लापरवाही का खौफनाक मंजर देखने को मिला। एक चंडीगढ़ नंबर की मर्सिडीज कार ने सड़क पर पैदल जा रहे चार मजदूरों और एक स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में चार मजदूरों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि स्कूटी सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
तेज रफ्तार बनी मौत की वजह
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मर्सिडीज कार चालक खतरनाक तरीके से वाहन दौड़ा रहा था। जैसे ही वह उत्तरांचल हॉस्पिटल के पास पहुंचा, उसकी गाड़ी अनियंत्रित हो गई और पैदल जा रहे चार मजदूरों को रौंद दिया। इसके बाद स्कूटी (यूके 07-एई-5150) को भी जोरदार टक्कर मार दी।
घटना की सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। उत्तरांचल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने चारों मजदूरों को मृत घोषित कर दिया, जबकि स्कूटी सवार दो घायलों को पहले उत्तरांचल हॉस्पिटल और फिर दून अस्पताल रेफर किया गया। दोनों घायलों के पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।
मृतकों की पहचान
- मंशाराम (30 वर्ष) पुत्र रामबहादुर, निवासी ग्राम लोटी सरया, रामदिनपूर्वा, थाना बाबाबाजार, जिला अयोध्या, उत्तर प्रदेश।
- रंजीत (35 वर्ष) निवासी ग्राम लोटी सरया, रामदिनपूर्वा, थाना बाबाबाजार, जिला अयोध्या, उत्तर प्रदेश।
- बलकरण (40 वर्ष) पुत्र नौमीलाल, निवासी जगजीतपुर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश।
- दुर्गेश, निवासी गोरिया, रुदौली, जिला फैजाबाद।
घायलों की स्थिति
- धनीराम पुत्र राजकुमार, निवासी अजीजपुर, थाना तडीयामा, जिला हरदोई, उत्तर प्रदेश। (वर्तमान में साईं मंदिर, बीएसएनएल वाली गली, राजपुर, देहरादून में निवास)।
- मोहम्मद शाकिब पुत्र मोहम्मद जहीर, निवासी हसनपुर, थाना बाजपटटी, जिला सीतामणी, बिहार। (वर्तमान में उत्तरांचल हॉस्पिटल, निकट साईं मंदिर, राजपुर रोड, देहरादून में निवास)।
घटना के बाद से ही मर्सिडीज चालक फरार है। पुलिस कंट्रोल रूम ने तुरंत सभी थानों को अलर्ट कर दिया है और शहरभर में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जांच प्रक्रिया की जानकारी ली।
पुलिस जांच में पता चला कि मृतक मजदूर काठबंगला क्षेत्र के नदी पार इलाके में रहते थे और ठेकेदार शिवम के अधीन काम कर रहे थे। ठेकेदार और अन्य मजदूरों से भी पूछताछ की जा रही है।
तेज रफ्तार का आतंक, फिर कब सबक लेंगे लोग?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब तेज रफ्तार ने निर्दोष लोगों की जान ले ली हो। सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी? पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग को इस तरह के हादसों पर लगाम लगाने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे।


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