- 3 महीने बाद निष्क्रिय होने वाले हैं पैन कार्ड! आयकर विभाग की चेतावनी*
धर्मेंद्र सिंह भंडारी/उत्तरकाशी
देश भर के करोड़ों पैन कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर है। लाखों लोगों के पैनकार्ड के निष्क्रिय होने का खतरा मंडराने लगा है। इसके लिए आयकर विभाग ने पूरे देशवासियों को सतर्कता संदेश भेजा है। अगर अब भी लापरवाही की तो आपका भी पैन कार्ड निष्क्रिय हो सकता है। इससे आपके बैंकिंग कामकाज से लेकर कारोबार में अन्य गंभीर दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं।
इसलिए अभी से चेतने का वक्त है। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है, जिससे लाखों पैन कार्ड के निष्क्रिय होने का खतरा बढ़ गया है और जिसे लेकर आयकर विभाग को चेतावनी देनी पड़ी है।
आयकर विभाग ने शनिवार को एक परामर्श जारी करते हुए कहा कि जिनका पैनकार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं है, उनका पैनकार्ड निष्क्रिय किया जा सकता है। 31 मार्च 2023 के बाद आधार क्रमांक से नहीं जुड़े स्थायी खाता संख्या (पैन) को ‘निष्क्रिय’ घोषित कर दिया जाएगा।
आयकर विभाग की तरफ से जारी परामर्श के मुताबिक आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार छूट वाली श्रेणी में आने वाले लोगों को छोड़कर सभी पैन धारकों के लिए 31 मार्च, 2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। आधार से नहीं जोड़े गए पैन कार्ड एक अप्रैल, 2023 से निष्क्रिय हो जाएंगे।
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इन्हें मिलेगी छूट
आयकर विभाग ने पैन को आधार से जल्द जोड़ने की नसीहत करदाताओं को देते हुए कहाकि जो अनिवार्य है, वो आवश्यक है। देर न करें, आज ही जोड़ लें! वित्त मंत्रालय की मई 2017 में जारी एक अधिसूचना के अनुसार छूट श्रेणी में कुछ राज्यों को रखा गया है। इनमें असम, जम्मू-कश्मीर और मेघालय के निवासी शामिल हैं। इसके अलावा अनिवासी भारतीय और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी छूट श्रेणी में शामिल हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गत 30 मार्च को जारी एक परिपत्र में कहा था कि एक बार पैन निष्क्रिय हो जाने के बाद कोई व्यक्ति आयकर अधिनियम के तहत सभी नतीजों के लिए जिम्मेदार होगा और उसे कई तरह के परिणामों का सामना करना पड़ेगा।
निष्क्रिय होने के बाद होगी ये मुश्किल
इस परिपत्र के मुताबिक निष्क्रिय पैन का इस्तेमाल करके आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकता है। लंबित मामलों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। निष्क्रिय पैन से लंबित धनवापसी जारी नहीं की जा सकती है।
दोषपूर्ण रिटर्न को संशोधित नहीं किया जा सकता है और उच्च दर पर कर लिया जाएगा। परिपत्र में कहा गया है कि करदाता को बैंकों और अन्य वित्तीय मंचों पर भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
*धर्मेंद्र सिंह भंडारी, प्रधान ग्राम सभा मानपुर उत्तरकाशी*
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