गौचर में गूंजा शहीद सुर्जन सिंह का जयघोष, NSG कमांडरों की मौजूदगी में प्रतिमा का अनावरण
गोचर (चमोली)। देश की आन-बान और शान के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीद कमांडो सुर्जन सिंह की प्रतिमा अब उनके पैतृक गांव रानो स्थित राजकीय इंटर कॉलेज, गौचर के प्रांगण में अमर रहेगी। कीर्ति चक्र से सम्मानित इस जांबाज़ सपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के वरिष्ठ अधिकारी भी गांव पहुंचे और उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर वीर सपूत को सैल्यूट किया।
कार्यक्रम के दौरान पूरा कॉलेज परिसर “भारत माता की जय” और “शहीद सुर्जन सिंह अमर रहें” के नारों से गूंज उठा। श्रद्धांजलि समारोह में NSG के सहायक कमांडर सतपाल और गुमान सिंह ने कहा कि कमांडो सुर्जन सिंह जैसे वीर योद्धा देश की असली ताकत हैं, जो अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की सेवा में खुद को समर्पित कर देते हैं।
कमांडो सुर्जन सिंह मूल रूप से गढ़वाल स्काउट्स में सेवारत थे, जिन्हें बाद में NSG की 51 स्पेशल एक्शन ग्रुप (51 SAG) में प्रतिनियुक्त किया गया। उनका जन्म 3 जुलाई 1979 को ध्रुव सिंह व सुरेश देवी के घर हुआ था। देश सेवा का जज़्बा लिए उन्होंने 30 दिसंबर 2001 को NSG की 51 SAG में अपनी सेवाएं शुरू कीं।
2002 में अक्षरधाम स्वामीनारायण मंदिर, गांधीनगर, गुजरात में हुए आतंकवादी हमले के दौरान ‘ऑपरेशन वज्र शक्ति’ में उन्होंने शौर्य का ऐसा परिचय दिया कि दुश्मन थर्रा उठे। इसी ऑपरेशन के दौरान 25 सितंबर 2002 को आतंकियों की गोली लगने से कमांडो सुर्जन सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए।
विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, छात्र, ग्रामीण और परिजन इस भावुक पल में शामिल हुए। श्रद्धांजलि सभा में हर आंख नम थी लेकिन गर्व से भरी हुई। गांव के लोगों ने गर्व से कहा — “हमें सुर्जन सिंह जैसा बेटा मिला, यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।”
इस मौके पर विद्यालय प्रबंधन ने घोषणा की कि कॉलेज के हर छात्र को अब सुर्जन सिंह के बलिदान की प्रेरणादायक गाथा से अवगत कराया जाएगा, ताकि उनके अद्वितीय साहस और राष्ट्रभक्ति की भावना पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहे।


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