देहरादून । उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी की ओर से लेखक गांव, थानो (देहरादून) में आयोजित तीन दिवसीय साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम (3 से 5 नवंबर 2025) में विश्वविद्यालय ने सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई। देशभर से आए साहित्यकारों, कला प्रेमियों और रचनाकारों ने इस आयोजन में अपनी भागीदारी से कार्यक्रम को समृद्ध बनाया।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन लोहनी ने ‘डॉ. निशंक की रचनाधर्मिता, सर्जन संवाद और संवेदना’ सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है और इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों में सृजनात्मक सोच को प्रेरित करते हैं।
विश्वविद्यालय की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित एक विशेष सत्र का संयोजन किया गया। इस सत्र में विश्वविद्यालय के डॉ. सुभाष रमोला, डॉ. शशांक शुक्ला और डॉ. मंगलम ने प्रतिभाग किया। सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. डी.पी. सिंह रहे, जबकि अध्यक्षता अतुल कोठारी ने की। सभी वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति के विविध आयामों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा एक सूचना एवं प्रचार स्टॉल भी लगाया गया, जहाँ निःशुल्क पुस्तक वितरण के साथ-साथ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की जानकारी दी गई। विभिन्न विषयों की पुस्तकों को प्राप्त कर विद्यार्थियों में विशेष उत्साह देखने को मिला।
विश्वविद्यालय की इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को पुस्तकों से जोड़ना, स्वाध्याय की संस्कृति को बढ़ावा देना और उनकी शैक्षणिक तैयारी को सुदृढ़ बनाना था। उपस्थित विद्यार्थियों और साहित्य प्रेमियों ने विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षार्थियों, साहित्यकारों और कला प्रेमियों की उत्साही सहभागिता ने लेखक गांव थानो को तीन दिनों तक रचनात्मक ऊर्जा से सराबोर रखा।
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