- यमुनोत्री की उपेक्षा प्राकृतिक आपदा नहीं, राजनीतिक षड्यंत्र : संजय डोभाल
देहरादून। यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा और विशेषकर यमुनोत्री धाम की उपेक्षा किसी प्राकृतिक आपदा का नतीजा भर नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र है।
सोमवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में यमनोत्री विधायक संजय डोभाल ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान चारधाम यात्रा से रही है। यह केवल आस्था का केंद्र नहीं बल्कि गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी इस यात्रा को जानबूझकर पटरी से उतारा जा रहा है।
डोभाल ने आरोप लगाया कि मास्टर प्लान का लागू न होना, रोपवे का काम बेहद धीमी गति से चलना और दिवारीखोल में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय भवन का अधूरा पड़ा होना साफ करता है कि योजनाएँ केवल कागजों पर हैं। चिन्यालीसौड़ में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। सड़कों का चौड़ीकरण और मरम्मत अधूरी छोड़ दी गई है।
विधायक ने कहा कि प्रदेश में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को हर 10–20 किलोमीटर पर चेकिंग के नाम पर रोका जाता है। इससे यात्रा का खराब संदेश बाहर जाता है। “यह सब राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।
डोभाल ने कहा कि पिछले साल 2024 की बरसात में आई भारी आपदा से यमुनोत्री धाम और जानकीचट्टी में जबरदस्त नुकसान हुआ था। लेकिन आज तक सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं हुए। इस वर्ष भी स्यानाचट्टी, कुपड़ा पुल से लेकर खराड़ी और यमुनोत्री मार्ग तक सड़कें तबाह हैं, जिन्हें ठीक नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि 23 जून को जानकीचट्टी पैदल मार्ग पर भूस्खलन से 4 यात्रियों की मौत हुई, 28 जून को बड़कोट–स्यानाचट्टी मार्ग पर हादसे में 2 लोगों की मौत और 7 लापता हुए। इसके बावजूद सरकार ने न राहत दी, न कोई विशेष पैकेज घोषित किया। 21 जुलाई को स्यानाचट्टी और खराड़ी में अतिवृष्टि से भारी तबाही हुई, लेकिन वहां भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
लचर कानून व्यवस्था और बेलगाम नौकरशाही
डोभाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस निर्दोषों को फंसाती है, जबकि नशे का कारोबार पुलिस की सरपरस्ती में गांव–गांव तक पहुंच रहा है। इससे युवा बर्बाद हो रहे हैं।
नौकरशाही पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में अफसरशाही बेलगाम है। जनप्रतिनिधियों की बातों को अनसुना किया जाता है। जिला योजना, आपदा प्रबंधन और खनन न्यास से जुड़े प्रस्तावों को भी दरकिनार कर दिया गया।
भ्रष्टाचार का गढ़ बना उत्तरकाशी
विधायक डोभाल ने कहा कि “उत्तरकाशी जिला भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है। जिला पंचायत में सैकड़ों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ, जिसे खुद भाजपा सरकार ने माना, लेकिन दोषियों को बचाने के लिए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया गया। यही साबित करता है कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों को पनाह देने वाली है।”
उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में एक सहायक के नाम पर 25 से 30 करोड़ रुपये का भुगतान घोटाले की बानगी है।
‘जनता बेहाल, सरकार मौन’
डोभाल ने कहा कि यात्रा ठप होने से स्थानीय होटल–व्यवसायी तबाह हो गए हैं। आम लोग बाग-बगीचों और नकदी फसलों के नुकसान से त्रस्त हैं। मकान और रास्ते खंडहर बन चुके हैं। “कई बार मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखे, आग्रह किया, लेकिन मेरी बातों की लगातार अनदेखी की गई। जनता बेहाल है और सरकार मौन है।
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