ब्यूरो। प्रदेश में शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 864 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जिसमें 434 शिक्षक छुट्टी पर मिले। यह हाल तब है जबकि कोविड की वजह से लंबे समय से बंद रहे स्कूल पिछले महीने सात फरवरी से खुले हैं। वहीं निरीक्षण के दौरान विभागीय अधिकारियों को राज्यभर में एक भी शिक्षक के बिना बताए अनुपस्थित न मिलने से विभागीय निरीक्षण पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सबसे अधिक ऊधमसिंह नगर के 142 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जिनमें 110 शिक्षक छुट्टी पर मिले। जबकि पौड़ी जिले के 111 स्कूलों के 57 शिक्षक, टिहरी के 46 स्कूलों के 12, हरिद्वार जिले के 81 स्कूलों के 21, देहरादून के 50 स्कूलों के दो, नैनीताल जिले के 61 स्कूलों के 52, अल्मोड़ा के 57 स्कूलों के 38 शिक्षक छुट्टी पर मिले। जबकि पिथौरागढ़ जिले के 57 स्कूलों के 38, चंपावत के 50 स्कूलों के 44 एवं बागेश्वर जिले के 37 स्कूलों के 13 शिक्षक छुट्टी पर मिले। इसके अलावा कुछ अन्य जिलों के स्कूलों के निरीक्षण में भी शिक्षक छुट्टी पर मिले। हैरानी की बात यह है कि विभाग को प्रदेश भर में निरीक्षण के दौरान एक भी शिक्षक बिना बताए अनुपस्थित नहीं मिला।
मिड-डे मील की गुणवत्ता नहीं मिली ठीक शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक 864 स्कूलों के निरीक्षण में 91 हजार से अधिक बच्चे उपस्थित मिले हैं। बच्चों की यह संख्या कम है। निरीक्षण के दौरान जीजीआईसी अजबपुर कलां देहरादून में मिड-डे मील की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय रायपुर में भी इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं मिली।
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