- हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी 800 करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले की जांच
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के नागरिकों को 800 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने और फरार होने के मामले में चिटफंड कम्पनी एल.यू.सी.सी. की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि जिन निवेशकों का पैसा कम्पनी के माध्यम से डूबा, वे अपनी शिकायत सीधे सीबीआई को दें और रुपये निवेश के प्रमाण भी शिकायत के साथ संलग्न करें।
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि पहले न्यायालय ने पूछा था कि क्या सीबीआई इस मामले की जांच कर सकती है। अब जांच की अनुमति मिल चुकी है। राज्य पुलिस की ओर से बताया गया कि कई मामले दर्ज हैं और अन्य की जांच चल रही है। हालांकि 27 पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायत अभी तक दर्ज नहीं की गई, जिससे उनका पैसा वापस नहीं मिला।
ऋषिकेश निवासी आशुतोष और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बताया कि एल.यू.सी.सी. ने वर्ष 2021 में देहरादून, ऋषिकेश और पौड़ी में अपने ऑफिस खोले और स्थानीय लोगों को एजेंट नियुक्त किया। एजेंटों के माध्यम से निवेशकों से पैसा लिया गया, जबकि कंपनी ने राज्य में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अपना पंजीकरण नहीं कराया। वर्ष 2023-24 में कंपनी अपने ऑफिस बंद कर फरार हो गई।
निवेशकों की शिकायत पर प्रदेश में 14 और अन्य राज्यों में 56 मुकदमे दर्ज हुए। मुख्य आरोपी अब दुबई भाग चुका है। इस बीच निवेशक एजेंटों को परेशान कर रहे हैं और पुलिस भी मामले में उलझी हुई है। जनहित याचिका में यह भी पूछा गया कि अगर राज्य में कोई बाहरी कम्पनी बिना पंजीकरण के कार्य कर रही है, तो सोसाइटी के सदस्य या राज्य सरकार इस मामले में क्यों निष्क्रिय थे।
न्यायालय ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए हैं।
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