- सीएस राधा रतूड़ी ने कल से (शनिवार) अवैध रूप से सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त से सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए
- देहरादून में भी कल से अवैध रूप से सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ चलाया जाएगा अभियान
- ऋषिकेश में राफटिंग स्थलों व कैम्पिंग के पास ही पर्यटकों के वाहनों हेतु पार्किंग की व्यवस्था के निर्देश
चारधाम यात्रा आरम्भ होने से पूर्व ऋषिकेश, लक्ष्मणझूला, मुनि की रेती, तपोवन व श्रीनगर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शनिवार से अवैध रूप से सड़क किनारे खड़े वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त से सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। यह अभियान शनिवार से देहरादून में भी चलाया जाएगा।
सचिवालय में शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक, कमीशनर गढ़वाल, डीएम देहरादून, टिहरी व पौड़ी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, टिहरी व पौड़ी के साथ ट्रैफिक मेनेजमेंट पर बैठक लेते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने टै्रफिक मेनेजमेंट हेतु जिलाधिकारियों को दीर्घ अवधि के प्रस्ताव शासन को जल्द भेजने तथा लघु अवधि के सुधारात्मक कदम तत्काल उठाने के निर्देश दिए हैं।
ऋषिकेश में सड़क किनारे खड़े वाहनों की अवैध पार्किग की समस्या व उससे होने वाले ट्रैफिक जाम के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने ऋषिकेश में राफटिंग स्थलों व कैम्पिंग के पास ही पर्यटकों के वाहनों हेतु पार्किंग की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निजी भूमि में भी पार्किंग की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर वाहन खड़े करने की प्रवृति को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नही किया जाना चाहिए तथा इसके खिलाफ सख्त व त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जाए। इसके साथ ही ऐसे होटल व रेस्टॉरेन्ट मालिको के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएगी जो अपने कर्मचारियों व ग्राहकों हेतु उपयुक्त पार्किंग की व्यवस्था नही कर रहे हैं तथा सड़कों पर अवैध पार्किंग को बढ़ावा दे रहे हैं।
सीएस ने सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ भी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न स्थलों पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए राधा रतूड़ी ने नीलकण्ठ सहित विभिन्न संकरी सड़कों के चौड़ीकरण के प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत टै्रफिक मेनेजमेंट को यात्रा से पहले ही दुरूस्त करना अति आवश्यक हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को चारधाम यात्रा रूट्स के वैकल्पिक मार्गो के प्रस्तावों पर भी कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
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