- देहरादून में सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं का कब्ज़ा।
- – करोड़ों की संपत्ति पर अवैध प्लॉटिंग, निगम और ग्रामसभा की भूमि भी नहीं बची
देहरादून। राजधानी में भू-माफिया का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शहर के अलग-अलग हिस्सों, खासकर मेहूँवाला माफी, आर्केडिया ग्रांट और हरभजवाला देहराइन, में सरकारी व ग्रामसभा की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग और निर्माण हो रहा है। करोड़ों रुपये की इस सरकारी संपत्ति पर कब्ज़ा जमाकर भू-माफिया खुलेआम नियमों को धता बता रहे हैं।
उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में मेहरबान अली ने इस गंभीर मसले को सामने रखा। उन्होंने कहा कि निगम और ग्रामसभा की सुरक्षित जमीनों को भी भू-माफिया अब नहीं छोड़ रहे। राजस्व अभिलेखों में खाला और नदी के नाम दर्ज संवेदनशील जमीनों को खुश्क और समतल दिखाकर बेचा जा रहा है।
अली ने आंकड़ों के साथ बताया कि खाता संख्या 0207 (खसरा संख्या 2253 से 2262) और खाता संख्या 02030 की नदी दर्ज भूमि (खसरा संख्या 2254ख, 2255, 2256क, 2314क) पर अवैध कब्ज़ा हो रहा है। यह साफ तौर पर राजस्व और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन है।
आरोप है कि इस अवैध प्लॉटिंग और निर्माण में कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं। आर्केडिया ग्रांट इलाके में सरकारी जमीन पर रोहित मल्होत्रा, केशवानंद पोखरियाल, नीतू राणा और कैलाश बडोला जैसे लोगों का नाम सामने आया है। वहीं खसरा संख्या 274क मि., 274क, 275 मि. और 281 मि. पर सलीम, फुरकान, दिलशाद, सुलेमान और जमशौद पर कब्ज़े के आरोप लगे हैं।
मेहरबान अली ने यह भी बताया कि माफिया सिर्फ अवैध प्लॉटिंग तक ही सीमित नहीं हैं। सरकारी जमीन पर खड़े हरे-भरे सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। आसन नदी व मेहूँवाला से लगी भूमि पर पर्यावरण को सीधा नुकसान पहुँचाया जा रहा है। साथ ही, खाता संख्या 02026 की घ श्रेणी बंजर भूमि (खसरा संख्या 2121 और 2122) भी कब्ज़े की जद में है।
*सरकार से की कार्रवाई की मांग*
अली ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि इस संगठित अवैध कब्ज़ा और प्लॉटिंग के खेल में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकारी तंत्र की चुप्पी इन माफियाओं को और ताकत क्यों दे रही है।

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