ऋषिकेश/इंफो उत्तराखंड
आधुनिकता के युग मे लोग जहा आलीशान होटलों, रेस्टोरेंट में केक काटकर या बड़े आयोजन कर के जन्मदिन मनाते हैं। वही आज भी ऐसे लोग है जो सनातन परंपरा को संजोकर अपना जन्मदिन गौ सेवा में समर्पित किए हुए है।
ऐसा ही एक व्यक्तित्व है जगदीश भट्ट, जो कोरोना काल से सड़क पर खाने के लिए भटकने वाले निराश्रित गोवंशों को प्रतिदिन सुबह हरा चारा खिलाते आ रहे हैं और उसके बाद ही स्वयं खाते हैं।
पंजाब बिजली विभाग से सेवानिवृत्त जगदीश भट्ट उत्तराखंड में स्थित पौड़ी गढ़वाल के एक छोटे से गांव के अपने पुश्तेनी घर यमकेश्वर पहुंचे जगदीश प्रसाद भट्ट पहले से ही गौवंश की सेवा करते आ रहे हैं। लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपना जीवन गौवंश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
गौ सेवक जगदीश प्रसाद भट्ट ने बताया कि वह सुबह सबसे पहले स्नान कर सड़कों पर निराश्रित घूमने वाले गौवंशो को हरा चारा व फल खिलाते हैं। जिसके लिए वह ऋषिकेश मुख्य बाजार, कैलाश गेट, मुनिकीरेती, गरूड़चट्टी व स्वर्गाश्रम में खुले में घूमने वाले गौवंशो को सड़को के किनारे चारा खिलाते हैं।
जिसके बाद ही वह घर पहुँच कर दैनिक कार्यों को प्रारंभ करते हैं। इस दौरान उनके साथ पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट एक सहयोगी की भूमिका निभाते हैं। जो उनके साथ गौवंशो को चारा खिलाने में सहयोग करते हैं।
शनिवार को जगदीश प्रसाद भट्ट ने अपना जन्मदिन स्वर्गाश्रम स्थित निराश्रित गौवंशो की गौशाला में परिवार के सदस्यों के साथ पहुँच कर गौवंशो को चारा खिला कर मनाया। साथ ही उत्तराखंड के आमजन से गौवंशो के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही सेवा के लिए आगे आने का अनुरोध किया।


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