देहरादून/ इंफो उत्तराखंड
उत्तराखंड में कर्मचारियों के प्रमोशन में तबादला ऐक्ट अब बाधा नहीं बनेगा। सरकार ने पूरे सेवाकाल में आधी सेवा दुर्गम में बिताने की बाध्यता को फिलहाल दो साल के लिए छूट दी है। इस संबंध में अपर सचिव ललित मोहन रायल ने आदेश जारी किया है।
अपर सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 की धारा 27 के क्रियान्वयन में आ रही तकनीकी अड़चन के बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला उठाया है। दरअसल, ऐक्ट की धारा 19 (1) में स्पष्ट उल्लेख है, कि कर्मचारियों को पहले व दूसरे प्रमोशन के लिए सेवा का न्यूनतम आधा भाग दुर्गम में बिताना होगा। इसी दशा में वे प्रमोशन के पात्र समझे जाएंगे।
कोविड संक्रमण के चलते सरकार ने दो बार तबादला सत्र जीरो घोषित कर दिया था, इस वजह से कर्मचारियों के सुगम से दुर्गम में तबादले नहीं हो पाए थे। इस वजह से सरकार ने जून, 2020 से दो साल तक की अवधि को संक्रमण काल घोषित कर दिया था। इससे कर्मचारियों को प्रमोशन के लिए उक्त बाध्यता की छूट मिल गई थी। अब फिर इसे 30 जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
सरकार के इस फैसले से बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारियों को राहत मिली है, जो प्रमोशन के पात्र थे लेकिन उनकी दुर्गम की सेवा पूरी नहीं हो पा रही थी। विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महासचिव शक्ति प्रसाद भट्ट, उत्तराखंड अधिकारी-कार्मिक शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि अर्हताएं पूरी होने के बावजूद कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार का यह निर्णय कर्मचारी हित में है।
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