- कर्मचारियों के आगे बेबस अफसर
- उपनल और आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल से चरमराई व्यवस्था
- तीमारदार खुद खींच रहे स्ट्रेचर-व्हीलचेयर, खून के धब्बों से परेशान मरीज
रिपोर्ट/नीरज पाल
देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उपनल और आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल ने अस्पताल प्रबंधन की पोल खोल दी है। पांचवें दिन भी सफाई से लेकर मरीज सेवा तक की व्यवस्था बुरी तरह पटरी से उतरी रही। ओपीडी बिल्डिंग में हालात इतने खराब रहे कि तीमारदारों को अपने मरीजों को व्हीलचेयर पर खुद ही उठाकर इधर-उधर ले जाना पड़ा। जबकि यह जिम्मेदारी वार्ड ब्वॉयों की होती है।
शुक्रवार को ओपीडी बिल्डिंग समेत अस्पताल के कई हिस्सों में गंदगी और बदबू ने मरीजों व उनके परिजनों को परेशान किया। औषधि वितरण कक्ष के बाहर फर्श पर खून के धब्बे घंटों- घंटों तक पड़े हुए सूख गए, और कोई भी सफाई कर्मचारी वहां पर नहीं मिला। दवा लेने के लिए लंबी लाइन में खड़े लोगों ने बताया कि सफाई कर्मचारी न होने से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद अस्पताल में कूड़ा जमा हो गया है। शौचालयों की स्थिति सबसे खराब रही। मरीजों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में इलाज से ज्यादा परेशानियां अस्पताल के अंदर झेलनी पड़ रही हैं।
वार्ड ब्वॉय नदारद, सुपरवाइजर के दावे फेल
सुपरवाइजर कमलेश ने दावा किया कि व्हीलचेयर के लिए चार वार्ड ब्वॉय तैनात हैं। कुछ वीआईपी मरीजों के लिए और एक मंत्री के यहां पर। लेकिन दैनिक सरल एक्सप्रेस की पड़ताल में ओपीडी में एक भी वार्ड ब्वॉय नहीं मिला। नतीजतन तीमारदारों को ही मरीजों को ढोना पड़ा।
जब मामला डीएमएस डॉ. एन.एस. बिष्ट के संज्ञान में आया तो उन्होंने सुपरवाइजर को फोन कर तत्काल सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। लेकिन कुछ घंटे बाद भी हालात नहीं बदले। टीम जब दोबारा औषधि वितरण कक्ष पहुंची तो खून के धब्बे अब भी वहीं मौजूद थे। इससे साफ यही दिखा कि अधिकारियों के निर्देश भी कर्मचारियों पर असरदार नहीं रहे और व्यवस्थाएं बद से बदतर होती जा रही है।
तीमारदार खुद खींच रहे स्ट्रेचर-व्हीलचेयर
वार्ड ब्वॉयों के हड़ताल में जाने से तीमारदार ही मरीजों के स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर खींच रहे हैं। शुक्रवार को ओपीडी के बिलिंग काउंटर से एक के बाद एक तीमारदार अपने मरीजों को व्हीलचेयर से इधर-उधर ले जाते दिखे।
“सारे उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं। आउटसोर्स कर्मचारी भी आधे दिन की हड़ताल पर गए। हड़ताल से लौटते ही सफाई व्यवस्था सामान्य हो जाएगी।”
_ डॉ. एनएस बिष्ट, डीएमएस दून अस्पताल
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