सड़क ना होने के चलते महिला को डंडी कंडी के सहारे पहुंचाया गया मुख्य सड़क तक।
रिपोर्ट /नवीन भंडारी
जहां आज पूरा भारतवर्ष तरक्की की राह में काफी आगे निकल चुका है इंसान चांद पर पहुंच चुका है लेकिन पहाड़ों में रहने वाले लोगों की तकदीर तो देखिए जहां आज भी लोग ग्रामीण इलाकों में हर पल विकास के लिए तरस रहे। जी हां आप लोगों ने सही सुना हम बात करने जा रहे हैं आज एक ऐसे दूरस्थ गांव की जिस गांव का दुर्भाग्य तो देखिए जिस गांव तक जाने के लिए वाहन से नहीं बल्कि तकरीबन 18 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पर करनी होती है और आपको बता दे कि जिस गांव का नाम डुमक है।
बड़ी बात तो यह है कि इसी डुमक गांव की रहने वाली रुक्मणी देवी जिनकी उम्र 70 वर्ष के आसपास है जो रुकमणी देवी हर दिन की भांति अपने पालतू जानवरों के लिए चारा इत्यादि के लिए जंगल की तरफ गई हुई थी जहां पर अचानक रूक्मणी देवी का पैर फिसल गया और रुकमणी देवी घायल हो गई और ऐसे में डुमक गांव के सारे ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे जहां पर रुकमणी देवी को डंडी कंडी मैं बिठाकर तकरीबन 18 किलोमीटर के आसपास मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया। जहां से फिर रुक्मणि देवी को जिला अस्पताल गोपेश्वर भेज दिया गया।
रात्रि का वक्त था और ऐसे में ग्रामीणों को घायल रुक्मणि देवी को मुख्य सड़क तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ा। वही एक और डुमक गांव में सड़क संबंधित समस्या को लेकर ग्रामीणों के द्वारा क्रमिक धरना उपवास जारी है जिस क्रमिक धरना उपवास के तकरीबन 80 दिन पूरे बीत चुके हैं जहां पर ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और लगातार शासन और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं।

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