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सिएटल स्थित भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Indian software engineer) को कैसे मिला जीवन में आंतरिक खुशी का सूत्र

सिएटल स्थित भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कैसे मिला जीवन में आंतरिक खुशी का सूत्र

सुमन श्रीनिवासन दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक में काम कर रहे हैं। प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. डिग्री प्राप्त और गोल्डमैन सैक्स और मेरिल लिंच जैसे दुनिया के शीर्ष निवेश बैंकों में काम कर चुके सुमन जीवन के लिए एक बहुत ही सकारात्मक और सरल दृष्टिकोण रखते हैं।

वे बताते हैं कैसे फालुन दाफा के ध्यान अभ्यास और सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों ने उनका जीवन बदल दिया। चेन्नई में जन्में सुमन श्रीनिवासन एक बुद्धिजीवी परिवार से हैं, जिसमें उनके अतिरिक्त चार इंजीनियर और एक डॉक्टर भी हैं।

श्रीनिवासन बताते हैं, “मैंने अपना अधिकांश समय किताबों को पढ़ने और जानकारी हासिल करने में बिताया। मुझे खेलों में दिलचस्पी नहीं थी, जिनका अधिकांश बच्चे आनंद लिया करते थे, इसके बजाय मुझे अपने कमरे में रहना और पढ़ना पसंद था। ”
2001 में, श्रीनिवासन फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने चले गए जीवन में इतना बड़ा बदलाव आसान नहीं था।

"एक तरफ, मैं अपने जीवन में हुई नई शुरुआत से उत्साहित था, लेकिन दूसरी ओर, मुझे अपने परिवार को छोड़ने का दुःख भी था। वे बताते हैं, अमेरिका जाने से पहले ही, मुझे आध्यात्मिक पुस्तकों में दिलचस्पी थी, और जीवन के अर्थ को समझने की कोशिश कर रहा था।

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जब फ्लोरिडा के फालुन दाफा छात्र क्लब से मुझे इस आध्यात्मिक अभ्यास के बारे में जानकारी मिली, तो मैंने फालुन दाफा का अभ्यास करने का फैसला किया और इसकी किताबें पढ़ीं।

फालुन दाफा के अभ्यास के कुछ महीनों के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यह वही है जो मैं अपने पूरे जीवन में तलाश रहा था और इसमें मेरे सभी सवालों का जवाब था। श्रीनिवासन आगे बताते हैं कि उन्हें अभ्यास से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से लाभ हुआ। “अभ्यास शुरू करने के बाद मेरी नींद एक बच्चे की तरह गहरी हो गयी। इसके अलावा, बचपन से मुझे जो माइग्रेन और सिरदर्द थे, वे चले गए। एक और लाभ जो मैंने अनुभव किया, वह यह था कि पहले मेरा पेट बहुत नाजुक था और मैं बहुत सादा भोजन ही कर पाता था।

लेकिन जब मैंने अभ्यास करना शुरू किया, मैं बिना किसी परेशानी के हर तरह के स्वादिष्ट भोजन खा सकता था। उन्होंने कहा,मैं जीवन में कम तनाव और अधिक शांतिपूर्ण महसूस करने लगा, लेकिन इसके साथ ही, मेरा जीवन सभी पहलुओं में और बेहतर हो गया।" फ्लोरिडा से अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, श्रीनिवासन ने पीएचडी के लिए आवेदन किया। कंप्यूटर विज्ञान में सबसे प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय में उन्हें दाखिला मिला और पीएचडी शुरू की।

उन्होंने कहा, “पी.एच.डी. की पढाई बहुत कठिन थी और हमेशा कुछ नया और विलक्षण करने का दबाव रहता था। मुझे यह भी समझ आया कि क्यों इतने सारे लोग अपनी पीएचडी आधे में ही छोड़ देते हैं। मैं भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मेरी आध्यात्मिक समझ ने मुझे अंत तक बने रहने और पीएचडी पूरा करने में मदद की।” जब श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे थे, तब उन्होंने दो पेटेंटों का सह-लेखन किया था। उनके करियर की शुरुआत भी बहुत सफल रही, उन्हें मैनहट्टन में गोल्डमैन सैक्स और मेरिल लिंच जैसे वॉल स्ट्रीट के दो शीर्ष निवेश बैंकों में काम करने का मौका मिला।

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इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक पेशेवर होने के नाते निश्चित ही उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लेकिन श्रीनिवासन बताते हैं कि उनके आध्यात्मिक विश्वास ने उन्हें आंतरिक साहस और आत्मविश्वास दिया जिसने उन्हें अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद की। “फालुन दाफा के अभ्यास ने मुझे अपने काम के दौरान एकाग्रचित और शांत रहने में मदद की। मैं समस्याओं को पूरी तरह समझने और स्पष्टता से उनका समाधान निकालने में सक्षम हो पाया।” फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग के नाम से भी जाना जाता है) की शुरुआत 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा चीन की गयी। इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण फालुन गोंग चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि 1999 तक करीब 7 से 10 करोड़ लोग इसका अभ्यास करने लगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की मेम्बरशिप उस समय 6 करोड़ ही थी। चीनी शासकों ने फालुन गोंग की शांतिप्रिय प्रकृति के बावजूद इसे अपनी प्रभुसत्ता के लिए खतरा माना और 20 जुलाई 1999 को इस पर पाबंदी लगा और जड़ से उखाड़ देने की मुहीम चला दी।

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श्रीनिवासन ने चीन में फालुन दाफा पर हो रहे दमन के बारे में पहले सुना था। उन्होंने कहा, "लेकिन जब मैंने अभ्यास शुरू किया, तब मुझे पता चला कि यह दमन कितना क्रूर है।श्रीनिवासन से जीवन के आदर्श कोड या सूत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा,एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में आप जो सिस्टम बनाते हैं वह कार्यात्मक, मजबूत और एक अच्छा यूज़र अनुभव प्रदान करने वाला होना चाहिए। मुझे लगता है कि जीवन भी बहुत समान है, एक नैतिक व्यक्ति के रूप में आप अपनी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं, दूसरों की मदद करते हैं और अपने आस-पास खुशियाँ बांटते हैं। ”

यदि आप भी फालुन दाफा सीखने या इसके बारे में और जानने के लिए इच्छुक हैं तो इसकी अधिक जानकारी पर पा सकते हैं। फालुन दाफा व्यायाम की नि:शुल्क ओन-लाइन वर्कशॉप में भाग लेने के लिए आप “फालुन दाफा इन इंडिया” फेसबुक पेज पर रजिस्टर कर सकते हैं।

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