- 26 अक्टूबर से दोबारा शुरू होगी किसान सम्मान पदयात्रा
देहरादून। केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने नाराजगी जताई है। यूनियन ने कहा कि किसानों की समस्याओं पर सरकार लगातार उदासीन रवैया अपना रही है। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो 26 अक्टूबर से दोबारा किसान सम्मान पदयात्रा शुरू की जाएगी।
मंगलवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब, देहरादून में आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि किसान मजदूर मंच के बैनर तले 17 सितंबर को हरिद्वार से दिल्ली के लिए किसान सम्मान पदयात्रा शुरू की गई थी। यह यात्रा कई जिलों से होकर गुजर रही थी, लेकिन 22 सितंबर को गाजियाबाद में पुलिस प्रशासन ने इसे जबरन रोक दिया था। उन्होंने बताया कि उस समय हजारों किसानों को पुलिस लाइन में पूरे दिन बैठाए रखा गया और भरोसा दिया गया था कि 20 दिन के भीतर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कराई जाएगी, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई है।
शर्मा ने कहा कि अब यूनियन ने निर्णय लिया है कि 26 अक्टूबर से गाजियाबाद से वहीं से पदयात्रा पुनः आरंभ की जाएगी, जहां पिछली बार उसे रोका गया था। उन्होंने केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को सख्ती से लागू करने की मांग की, जिसमें कहा गया है कि गन्ने का भुगतान 14 दिन के भीतर किया जाए और देरी होने पर ब्याज दिया जाए।
किसान नेताओं ने गन्ने का समर्थन मूल्य 500 रुपये प्रति कुंतल किए जाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों से यह वादा किया था, लेकिन 11 साल बीत जाने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं हुआ। यूनियन ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार किसानों से किया गया वादा निभाए।
इसके साथ ही यूनियन ने राज्य में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों का भी विरोध किया। किसान नेताओं का कहना था कि सरकार पहले किसानों को “स्मार्ट” बनाए, फिर मीटर लगाए।
प्रेसवार्ता के दौरान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा के साथ सोमदत्त शोभा, राजीव सचदेवा, बी.एस. यादव समेत कई किसान नेता मौजूद रहे।



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