नरेंद्र नगर। पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नरेंद्र नगर के कुमार खेड़ा क्षेत्र में 15 सितंबर की रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे लोग दहशत में हैं। रात करीब 7:30 बजे शुरू हुई बारिश सुबह 5:30 बजे तक जारी रही, जिसने लोगों को सोने भी नहीं दिया। बिजली गुल होने से लोगों की बेचैनी और बढ़ गई।
सड़क पर बहने लगा सैलाब :-
रात भर हुई बारिश इतनी भयावह थी कि राजमहल से लेकर चाचा-भतीजा होटल तक का पानी तेज बहाव के साथ मिट्टी और पत्थरों को बहाकर ले गया, जिससे सड़क नदी में तब्दील हो गई। राजमहल के पास बाईपास पर राष्ट्रीय राजमार्ग में दरार आ गई है, वहीं कुमार खेड़ा के पास सड़क का पुश्ता टूटने से मलबा जमा हो गया। पानी के तेज बहाव में कई दुकानें और मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
मकानों को भी खतरा :-
इस आपदा से कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है। सुरेंद्र भट्ट के घर की दीवार गिर गई है, तो नरपाल सिंह भंडारी के मकान के पास सड़क पर एक बड़ा गड्ढा बन गया है, जिससे उनके घर को खतरा है। इसके अलावा, दीपक कुमार का मकान भी बाल-बाल बचा, और रोशनी धमांदा, गजेंद्र सिंह गुसाईं, जीत सिंह राणा, किशन सिंह नेगी और सतपाल सिंह रावत के मकानों को भी भू-धंसाव के कारण नुकसान हुआ है।
आवाजाही ठप, लोगों की मांग :-
इस भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-टिहरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग डेढ़ किलोमीटर तक आठ जगहों पर मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई है। तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल ने बताया कि मलबे को हटाने के लिए चार जेसीबी लगाई गई हैं, लेकिन भारी मात्रा में मलबा होने के कारण सड़क को पूरी तरह से साफ करने में दो दिन लग सकते हैं।
कुमार खेड़ा के निवासियों का कहना है कि वे हर साल ऐसी आपदाओं का सामना करते हैं और अब इस परेशानी से निजात चाहते हैं। उनकी मांग है कि सरकार या तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे, या फिर उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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