- नर्सिंग डिग्री धारकों के लिए बड़ी राहत! हाईकोर्ट के फैसले के बाद पहले से नियुक्ति पाए अधिकारी नहीं दे पाएंगे दोबारा परीक्षा
देहरादून /इंफो उत्तराखंड
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हो रही नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया पर सुनवाई की। कोर्ट ने अपने फैसले में सैकड़ों डिग्रीधारियों को राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में पहले से नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को परीक्षा में दोबारा से शामिल होने पर रोक लगा दी है। इस फैसले से नई भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी।
इस फैसले से उन उम्मीदवारों के लिए नई नौकरियों के अवसर बढ़ जाएंगे जो अभी तक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए थे।
पहले से नियुक्त अधिकारियों के शामिल न होने से प्रतियोगिता कम होगी और अन्य उम्मीदवारों के चयन की संभावना बढ़ जाएगी।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नवल किशोर, अनीता भंडारी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। यह निर्णय प्रदेश में नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में नर्सिंग अधिकारियों के पदों को भरने के लिए एक वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत नर्सिंग डिग्रीधारकों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति दी जानी थी।
अपीलकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि यह योजना अन्यायपूर्ण है और इससे कई पात्र उम्मीदवारों को नुकसान पहुंच रहा है।
कोर्ट ने अपीलकर्ताओं की दलीलों पर गौर करते हुए सरकार की वन टाइम सेटलमेंट योजना को चुनौती दी। कोर्ट ने यह माना कि यह योजना सभी उम्मीदवारों के साथ समान व्यवहार नहीं करती है और इससे कई पात्र उम्मीदवारों को नुकसान पहुंच सकता है।
इस फैसले का सीधा प्रभाव प्रदेश में नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया पर पड़ेगा। अब सरकार को एक नई भर्ती नीति बनानी होगी जो सभी उम्मीदवारों के साथ समान व्यवहार करे।
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस निर्णय से प्रदेश के हजारों नर्सिंग डिग्रीधारकों का भविष्य संवरेगा।
सरकार की दोहरी नीति
वर्ष 2023 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 1,564 नर्सिंग पदों पर भर्ती की और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति दी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 1,455 नर्सिंग पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की।
वर्ष 2023 में भर्ती हुए कई उम्मीदवारों ने वर्ष 2024 की भर्ती में भी आवेदन कर दिया, जो कि नियमों के विरुद्ध था।
कोर्ट का निर्णय :-
कोर्ट ने माना कि जो उम्मीदवार वर्ष 2023 में भर्ती हो चुके थे, उन्हें वर्ष 2024 की भर्ती में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं था।
कोर्ट ने उन उम्मीदवारों को परीक्षा से प्रतिबंधित कर दिया जो वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ ले चुके थे। इस निर्णय से सैकड़ों नर्सिंग डिग्रीधारक बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर विजय चौहान संरक्षक, लीला चौहान अध्यक्ष, नवल पुण्डीर कोषाध्यक्ष, अजीत भण्डारी उपाध्यक्ष, पपेन्द्र बिष्ट प्रदेश सचिव, सुशील कोठियाल सदस्य, अनिता भण्डारी सदस्य, लक्ष्मी कठैत सदस्य, सुशील भट्ट सदस्य, राजपाल पंवार सदस्य, राजीव बर्तवाल सदस्य आदि शामिल थे।
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