- बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर ऑपरेशन स्वास्थ्य चौखुटिया ने किया विधानसभा कूच
- धरना प्रदर्शन के बीच सीएम धामी से मिला चौखुटिया से आया प्रतिनिधिमंडल, मिला आश्वासन
नीरज पाल, संवाददाता
देहरादून। अल्मोड़ा जनपद के चौखुटिया क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा सेवाओं की कमी को लेकर ऑपरेशन स्वास्थ्य चौखुटिया के आंदोलनकारियों ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया। प्रदर्शनकारियों ने सुबह गांधी पार्क, देहरादून से धरना शुरू किया और बाद में विधानसभा की ओर पैदल मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें विधानसभा से पहले ही रोक दिया।

विरोध के दौरान आंदोलनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा चुकी हैं और सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भुवन कठैत ने कहा कि राज्य गठन के 25 साल बाद भी उत्तराखंड में न स्वास्थ्य नीति बनी, न शिक्षा रोजगार या जल नीति, केवल भ्रष्टाचार की नीति दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ों की जनता को अब भी प्राथमिक उपचार के लिए देहरादून और हल्द्वानी भागना पड़ता है। मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कठैत ने कहा, “जहां मुख्यमंत्री और विधायक अपना इलाज कराते हैं, वहीं आम जनता का भी इलाज होना चाहिए।

कठैत ने चेतावनी दी कि यह आंदोलन नहीं, बल्कि एक जन यात्रा है, अब जनता सरकार को जगाने निकली है। उन्होंने कहा कि शासनादेश के बावजूद चौखुटिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उपजिला चिकित्सालय के रूप में अपग्रेड नहीं किया गया है। उन्होंने अस्पताल में 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं, डिजिटल एक्स-रे मशीन, ऑपरेशन थिएटर, महिला प्रसव कक्ष, टेलीमेडिसिन सेंटर और आईसीयू व एनएनआईयू यूनिट की स्थापना की मांग की।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के कई पद लंबे समय से पद रिक्त हैं। इनमें जनरल सर्जन, फीजिशियन, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, नर्सिंग अधिकारी, फार्मासिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, ड्राइवर और स्वच्छक के पद शामिल हैं।

इस दौरान सीटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे, लेकिन आंदोलनकारियों ने ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि वे कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, पर हर बार सरकार से केवल आश्वासन ही मिला है, जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती। काफी देर बाद आंदोलन कर रहे प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने चौखुटिया क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और स्थानीय अस्पताल के उन्नयन हेतु शीघ्र शासनादेश जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस आदेश के तहत, चौखुटिया अस्पताल की क्षमता 30 से बढ़ाकर 50 बेड कर दी गई है और चरणबद्ध तरीके से विभिन्न आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जाएगा।

धरना स्थल पर मौजूद प्रमुख लोगों में आशीष नेगी, आयुष रावत, डॉ. आनंद राम, सुंदर सिंह, महेंद्र सिंह बेड़िया, शांति अठवाल, नंदिता भट्ट, चंद्रा कोहली, हेमंत सिंह भंडारी, सरस्वती गैरोला, जगदीश ममगाईं, दान सिंह नेगी, अमित बिंदवाल और भगवत सिंह समेत तमाम आंदोलनकारी मौजूद रहे।
ये हैं पूरा मामला :-
अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को लेकर लोग दो अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं। जब सरकार की ओर से कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला तो आंदोलनकारियों ने चौखुटिया से देहरादून तक करीब 300 किलोमीटर की नंगे पांव यात्रा शुरू की। वे ऋषिकेश पहुंचने के बाद भानियावाला में पुलिस द्वारा रोके गए, जहां चार घंटे की वार्ता के बाद उन्हें देहरादून आने की अनुमति दी गई।
देहरादून पहुंचने पर आंदोलनकारियों को जोगीवाला में फिर रोका गया, जिससे उनकी पुलिस से झड़प हो गई। आंदोलनकारी सड़क पर लेटकर प्रदर्शन करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और देर शाम एकता विहार धरनास्थल पर छोड़ दिया।
सोमवार को प्रदर्शनकारी एकता विहार में पुलिस सुरक्षा के बीच पहुंचे और देर रात तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मंगलवार सुबह उन्हें गांधी पार्क जाने की अनुमति दी गई, जहां से उन्होंने विधानसभा कूच का ऐलान किया।
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