- देहरादून में ड्रग इंस्पेक्टर की कार्यशैली पर उठे सवाल!
देहरादून। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, एफ.डी.ए. मुख्यालय में अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर, ताजबर सिंह जग्गी ने मंगलवार को एक बड़ी पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने प्रदेशभर में संदिग्ध औषधियों की जांच और सैंपलिंग की मौजूदा स्थिति पर खुलकर बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों के बीमार होने और मौत की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने जनहित में एहतियातन यह बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रदेश के हर जिले में चलाया जा रहा है।
लापता’ इंस्पेक्टर पर सवालों की बौछार
इसी पत्रकार वार्ता के दौरान, एक पत्रकार ने देहरादून के ‘लापता’ ड्रग इंस्पेक्टर को लेकर तीखा सवाल दागा। सवाल था कि जिले के ड्रग इंस्पेक्टर न तो अपने कार्यालय में मिलते हैं और न ही अपने काम पर मुस्तैद दिखाई देते हैं। अगर किसी पत्रकार या आम जनता को केमिस्ट शॉप, होलसेल दवा या दवा फैक्ट्री से जुड़ी कोई शिकायत दर्ज करानी हो, तो वह इंस्पेक्टर को ढूंढता ही रह जाएगा। इतना ही नहीं, यह भी पता चला कि वह किसी का फोन तक नहीं उठाते, जबकि दून शहर में कई केमिस्ट की दुकानों में अनियमितताएं बरती जा रही हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है!
इंस्पेक्टर साहब का खुद का कहना है कि वह अधिकतम कोर्ट केस में व्यस्त रहते हैं और साथ ही फील्ड पर भी। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि फील्ड पर किए गए काम का कहीं कोई ठोस असर या कार्रवाई अब तक दिखाई नहीं दिया, न ही जनता की शिकायतों पर कोई अमल किया गया।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी, किया बचाव!
पत्रकार के इस तगड़े सवाल पर अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर समेत तमाम आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली और जवाब न देते हुए बगले झांकने लगे। हालाँकि, एक ड्रग अधिकारी अपने ही देहरादून के ड्रग इंस्पेक्टर के बचाव में उतरते दिखाई दिए। इसी दौरान, एक वरिष्ठ ड्रग अधिकारी ने एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा, “अब देहरादून जिले में तीन ड्रग इंस्पेक्टर हो गए हैं, अब ये मुस्तैदी से काम करेंगे और जनता की शिकायतों को भी सुनेंगे।”
अब देखने वाली बात यह होगी कि ये तीन ड्रग इंस्पेक्टरों की नई टीम मिलकर देहरादून में अवैध दवाओं की बिक्री पर कितना सुधार लाती है और अपने कार्य में कितनी नज़ीर पेश करती है।
प्रदेशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी जारी
इस बीच, अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि प्रदेशभर में लगातार छापेमारी की जा रही है। टीमों द्वारा विभिन्न मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से सैंपल एकत्र कर उन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं को भेजा जा रहा है। उन्होंने सभी जनपदों के औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे कफ सिरप के नमूने एकत्र करें और परीक्षण हेतु अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजें। यह अभियान लगातार ताबड़तोड़ तरीके से जारी रहेगा।



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