उत्तराखंड

बड़ी खबर : अपने ही बुने जाल में फंसती जा रही हैं ऋतु खंडूड़ी, विधानसभा ने सरकार से नहीं मांगी कोई विधिक राय, सीधे महाधिवक्ता को ही भेजा था पत्र

अपने बुने जाल मे फंसती जा रही हैं रितु खंडूडी

विधानसभा ने सरकार से नहीं मांगी कोई विधिक राय, सीधे महाधिवक्ता को ही भेजा था पत्र,

न्याय विभाग की बजाय सीधे महाधिवक्ता से साधा संपर्क, न्याय विभाग पहले ही कर चुका साफ, विधानसभा अपने स्तर पर फैसला लेने को स्वतंत्र

देहरादून। विधानसभा के 2016 से पहले के कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा ने इस बार इन कर्मचारियों को लेकर सरकार से किसी भी प्रकार की कोई विधिक राय नहीं मांगी है। विधिक राय को लेकर दिसंबर महीने में विधानसभा ने विधिक राय मांगने को लेकर पत्र न्याय विभाग को नहीं भेजा। बल्कि सीधे महाधिवक्ता को भेजा। जिसका सीधे सरकार से कोई लेना देना नहीं है।

यह भी पढ़ें 👉  लक्सर ब्रेकिंग/ यहां रेलवे क्रॉसिंग के पास तालाब में शव होने की सूचना आग की तरह फैली, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

इस बार विधिक राय को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की गई। बाहर यही हल्ला मचाया गया कि 2016 से पहले वाले कर्मचारियों को लेकर सरकार से विधिक राय मांगी गई है। खुद स्पीकर ऋतु खंडूडी ने भी मीडिया में बयान दिया कि सरकार से विधिक राय मांगी गई है।

सरकार इन कर्मचारियों के नियमितीकरण की वैधता को लेकर जो भी फैसला लेगी, उस पर आगे बढ़ा जाएगा। एक तरह से गेंद सरकार के पाले में डाल कर माइंड गेम में सरकार को उलझाने की कोशिश की गई।

यह भी पढ़ें 👉  दुःखद : यहां गंगा में नहाते समय 12 वर्षीय किशोर की डूबने से मौत। परिजनों में मचा कोहराम 

महाधिवक्ता की ओर से स्पीकर ऋतु खंडूडी को भेजी गई राय से भ्रम की स्थिति समाप्त हो गई है। महाधिवक्ता ने सीधे स्पीकर को पत्र भेज कर किसी भी तरह की विधिक राय देने से साफ मना कर दिया है। दूसरी ओर विधानसभा भर्ती से जुड़े मामले में सरकार कई बार साफ कर चुकी है कि ये सीधे तौर पर विधानसभा का अधिकार क्षेत्र है।

कर्मचारियों के प्रमोशन, डिमोशन, निलंबन, टर्मिनेशन पर वो अपने स्तर पर फैसले लेने को स्वतंत्र है। विधानसभा के मामले से सरकार का किसी भी तरह का कोई सरोकार नहीं है।
महाधिवक्ता ने भी दो टूक साफ किया है कि 2016 से पहले के कर्मचारियों के नियमितीकरण को किसी ने भी वैध नहीं ठहराया है। डीके कोटिया समिति ने भी इन्हें वैध नहीं माना है।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर : लक्सर में महिला व बच्चों को मारपीट कर घर से निकाला, छीना आसियाना, पीड़ित ने चिलचिलाती धूप में गुजारा पूरा दिन

इसे विधानसभा और 2016 से पहले के कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। महाधिवक्ता की रिपोर्ट को स्पीकर के लिए भी झटका माना जा रहा है। क्योंकि इस राय से साफ हो गया है कि 2016 से पहले के कर्मचारियों के मामले में जो भी फैसला होगा, वो विधानसभा में स्पीकर के स्तर पर ही होगा।

‘इन्फो उत्तराखंड'(infouttarakhand.com) प्रदेश में अपने पाठकों के बीच सर्वाधिक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है। इसमें उत्तराखंड से जुड़ी तमाम खबरों को प्रकाशित कर प्रसारित किया जाता है। यदि आप भी हमसे जुड़ना चाहते हैं तो ‘इन्फो उत्तराखंड’ के व्हाट्सएप व ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं:-

Contact Info

Name: Mr. Neeraj Pal
Address: I block – 291,  Nehru colony, Dehradun, uttarakhand
Phone No: +91-9368826960
Email:  [email protected]

© 2023, Info Uttarakhand
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860
To Top