- “बेटी बचाओ, पद खुद चलाओ! भाजपा का नया मॉडल : गरिमा दसौनी
- देशराज कर्णवाल पर दर्ज हो आपराधिक मुकदमा, कांग्रेस ने की निष्पक्ष जांच की मांग
देहरादून। भगवानपुर की ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल के निलंबन को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस पूरे मामले में ‘असली खेल’ तो ब्लॉक प्रमुख के ताऊ और भाजपा नेता देशराज कर्णवाल का है। दसौनी ने आरोप लगाया कि यह सत्ता का खुला दुरुपयोग और भाजपा का ‘नया मॉडल’ है, जहाँ महिला प्रतिनिधियों को सिर्फ मुखौटा बनाकर सत्ता का संचालन परिवार के पुरुष करते हैं।
दसौनी ने वीडियो सबूतों का हवाला देते हुए कहा कि यह स्पष्ट दिख रहा था कि देशराज कर्णवाल खुद ब्लॉक प्रमुख का कार्यालय चला रहे थे, जबकि निर्वाचित प्रतिनिधि उनकी भतीजी थीं।
*धामी सरकार पर सवालिया निशान*
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने धामी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर वीडियो सबूत मौजूद थे, तो कार्रवाई करने में इतनी देरी क्यों हुई? उन्होंने कटाक्ष किया, “क्या जब तक मामला मीडिया में नहीं आता, तब तक भाजपा सरकार अपने नेताओं को बचाती रहती है?”
गरिमा दसौनी ने भाजपा के मंचों से ‘नारी शक्ति’ की बात करने और ज़मीन पर महिलाओं को ‘परिवार के पुरुषों की कठपुतली’ बनाने के दोहरे चरित्र को उजागर किया। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “बेटी बचाओ, पद खुद चलाओ!” और इसे भाजपा का असली ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मॉडल बताया।
*कांग्रेस ने की देशराज कर्णवाल पर आपराधिक मुकदमे की मांग*
कांग्रेस ने इस प्रकरण को उत्तराखंड को शर्मसार करने वाला बताते हुए मांग की है कि देशराज कर्णवाल पर तुरंत आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो। दसौनी ने कहा कि यह सिर्फ एक ब्लॉक का मामला नहीं, बल्कि भाजपा के चरित्र का आईना है।
गरिमा दसौनी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को याद करते हुए कहा कि उन्हीं की पहल पर पंचायत में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिला, जिसके कारण आज देश की राजनीति में महिलाएं अग्रणी भूमिका में हैं। हालांकि, भगवानपुर का यह मामला इस संवैधानिक व्यवस्था की मूल भावना के विपरीत है, जहाँ जनप्रतिनिधि कोई और चुना जाता है और राज-काज कोई और चलाता है।



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