सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन से ही बचाया जा सकता है उत्तराखंड : नरेंद्र सिंह नेगी
मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने की गढ़रत्न से शिष्टाचार भेंट
देहरादून। मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने उत्तराखंड की संस्कृति के ध्वजवाहक और उत्तराखंड के गौरव नरेंद्र सिंह नेगी से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर श्री नेगी से संघर्ष समिति के संयोजक की उत्तराखंड के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि नेगी दा से करीब दो घंटे तक मूल निवास, भू-क़ानून, रोजगार, संस्कृति सहित उत्तराखंड के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड आंदोलन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन को उद्देश्य तक पहुँचाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इएलिये धैर्य और संयम से अपनी रणनीति बनाते रहें। साथ ही कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन से ही मिला है और इस राज्य को सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन से ही बचाया जा सकता है। युवा पीढ़ी के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
इस मौके पर मोहित डिमरी ने उन्हें 09 फरवरी को मूल निवास, भू-क़ानून संघर्ष समिति की ओर से ऋषिकेश में होने जा रही स्वाभिमान शंखनाद के कार्यक्रम की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति उत्तराखंड बचाने के लिए अलग-अलग हिस्सों में मूल निवास, भू-क़ानून के साथ ही अन्य जनमुद्दों को लेकर चलाए जा रहे जन आंदोलन को व्यापक रूप देने जा रही है।
मोहित डिमरी ने कहा कि नेगी दा की प्रेरणा से जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका आशीर्वाद उन्हें ऊर्जा और ताकत देता है। उन्हे पूर्ण विश्वास है कि उनके आशीर्वाद से हम अपने उत्तराखंड और उसके संसाधनों को बचाने में जरूर कामयाब होंगे।
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