एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में “वैदिक संस्कृति” पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
वैदिक संस्कृति और सभ्यता का गहन अध्ययन
10 सितंबर 2024 को एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी के इतिहास विभाग द्वारा वैदिक संस्कृति पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में इतिहास संबंधी ज्ञानवर्धन के साथ-साथ वैदिक काल की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर से परिचित कराना था। महाविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य महोदय और वैदिक संस्कृति के विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर विश्व मोहन पांडेय ने दीप प्रज्वलन कर किया।
वैदिक काल की महत्ता पर गहन चर्चा
प्रोफेसर पांडेय ने अपने व्याख्यान में वैदिक काल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1500-1100 BCE से 1100-500 BCE के बीच समाज में आए बदलावों, नैतिक मूल्यों, और सभ्यता के विकास के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। उनके व्याख्यान में वैदिक साहित्य जैसे वेद, उपनिषद, ब्रह्मांड ग्रंथ, और अरण्यक के माध्यम से समाज के निर्माण की प्रक्रिया को समझाया गया।
सांस्कृतिक धरोहर और समाज का संबंध
प्रोफेसर पांडेय ने वैदिक संस्कृति के साथ विज्ञान, अर्थशास्त्र, और प्राकृतिक दर्शन के संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने कला और स्थापत्य कला की महत्ता पर भी बल दिया, और बताया कि समाज की नैतिकता और मूल्य कैसे उस काल में विकसित हुए। उनके अनुसार, वैदिक काल से संबंधित लेख और प्रमाण पत्र इतिहास और विज्ञान के बीच एक सेतु का निर्माण करते हैं, जो आज के समाज को उसकी जड़ों से जोड़ने में सहायक है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए और इस तरह के आयोजनों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि छात्रों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के अध्ययन से समाज में सकारात्मक योगदान देने की प्रेरणा मिलेगी।
विभाग के प्रमुख और अध्यापकों की उपस्थिति
इस व्याख्यान में इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुरेश चंद्र टम्टा, प्रोफेसर सरोज वर्मा, डॉ. राकेश कुमार सहित विभाग के कई वरिष्ठ अध्यापक, 200 से अधिक छात्र-छात्राएं, रिसर्च स्कॉलर और कर्मचारी उपस्थित रहे। आयोजन के अंत में डॉक्टर विमला देवी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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