उत्तराखंड जल संस्थान के ठेकेदार कर्मचारियों का धरना जारी, सचिवालय कूच की तैयारी
उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मचारियों द्वारा पेयजल व्यवस्था में 20-25 वर्षों से योगदान देने के बावजूद उन्हें ठेकेदारी प्रथा के तहत वेतन, ईपीएफ और ईएसआई जैसे लाभों से वंचित रखा गया है। कोरोना महामारी के दौरान भी इन कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की, लेकिन उन्हें उचित सुविधाएं नहीं मिल पाईं, जिससे उनके शोषण की स्थिति बनी रही।
संगठन द्वारा 29 जुलाई 2024 से मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय उत्तराखंड जल संस्थान, देहरादून में धरना प्रदर्शन शुरू किया गया, जिसमें 34 दिन हो चुके हैं और 29 दिनों से क्रमिक अनशन जारी है। बावजूद इसके, विभाग और सरकार ने अब तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की है। कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं से संबंधित ज्ञापन पत्र कैबिनेट मंत्रियों को भी सौंपे हैं, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं की गई।
इस स्थिति से निराश होकर संगठन ने पूर्व राज्य दर्जा मंत्री हरिश्चंद्र पनेरु के आवाहन पर 12 सितम्बर 2024 को सचिवालय कूच का आह्वान किया है। विभाग और शासन प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि यदि प्रदर्शन के दौरान कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है, तो उसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की होगी।
संगठन की प्रमुख मांग है कि 11 अगस्त 2023 को उत्तराखंड सरकार द्वारा खोले गए सेवायोजन पोर्टल, जैम पोर्टल और प्रयाग पोर्टल के माध्यम से इन कर्मचारियों को समायोजित किया जाए, ताकि उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संगठन के प्रमुख सदस्यों में प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार, प्रदेश महामंत्री मंगलेश लखेड़ा, उपाध्यक्ष बलबीर पयाल और अन्य सदस्य शामिल हैं।
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