- देहरादून में आज से शुरू होगा ‘श्रोत महोत्सव 2025, देशभर के कलाकार और कारीगर होंगे शामिल
- पंकज त्रिपाठी करेंगे उद्घाटन, राजस्थान के उस्ताद अनवर खान देंगे विशेष प्रस्तुति।
देहरादून। भारत की कला, संस्कृति और शिल्प के संगम का साक्षी इस बार देहरादून बनने जा रहा है। तारा जोशी फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘श्रोत महोत्सव 2025’ का आगाज़ आज यानि मंगलवार से परेड ग्राउंड में होने जा रहा है। सात दिन तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में देशभर से 100 से अधिक कारीगर, लोक कलाकार और स्वयं सहायता समूह हिस्सा लेंगे। महोत्सव रोजाना सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित होगा।
सोमवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तारा जोशी फाउंडेशन की सचिव किरन जोशी ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य भारत की पारंपरिक कला, हथकरघा, लोक संगीत, नृत्य और ग्रामीण रचनात्मकता को नए सिरे से जीवंत करना है। उन्होंने कहा कि “यह आयोजन ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
किरन जोशी ने बताया कि श्रोत महोत्सव 2025 का उद्घाटन प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी के हाथों होगा। उद्घाटन समारोह के बाद राजस्थान के सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री उस्ताद अनवर खान मांगणियार अपनी विशेष प्रस्तुति देंगे।
सात दिवसीय इस महोत्सव में आगंतुकों के लिए कई आकर्षण रहेंगे
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: लोक और फ्यूजन संगीत की शामें, जिनमें रुहान भारद्वाज, विक्की चौहान, भक्त चरण सिंह चौधरी और पारंपरिक पहाड़ी ढोल-दमाऊ दल अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।
कार्यशालाएँ: युवाओं और विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, वैदिक गणित और ओपन माइक पोएट्री पर सत्र होंगे।
कारीगरों के स्टॉल: विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प, जनजातीय कलाएँ, आभूषण, मिट्टी के बर्तन और होम डेकोर उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शनी लगेगी।
मनोरंजन शामें: युवाओं और परिवारों के लिए डांडिया और गरबा नाइट्स का आयोजन होगा।
महोत्सव का समापन समारोह 13 अक्टूबर को होगा, जिसमें मुख्य अतिथि गीता धामी शामिल होंगी। वह “महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता” विषय पर अपने विचार साझा करेंगी। इस अवसर पर कारीगरों और पैनलिस्टों का सम्मान किया जाएगा, साथ ही भक्त चरण सिंह चौधरी एवं मित्र मंडल द्वारा बांसुरी वादन और पहाड़ी नाटी का प्रदर्शन होगा।
फाउंडेशन की सचिव किरन जोशी ने बताया कि श्रोत महोत्सव का उद्देश्य न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण समुदायों, महिलाओं और कारीगरों के सशक्तिकरण के साथ सतत सांस्कृतिक पर्यटन को भी प्रोत्साहित करना है।
इस दौरान निमिका, सोनाली, पूजा जोशी और तान्या सैनी भी उपस्थित रहीं।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 इंफो उत्तराखंड के फेसबुक पेज से जुड़ें




