- बेरोज़गार और उपनल कर्मी आपस में न लड़ें, एकजुट होकर सरकार से मांगें उठाएं : सेमवाल
देहरादून। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि बेरोज़गार युवा और उपनल कर्मी आपस में संघर्ष न कर सरकार से अपनी मांगें मजबूती से उठाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें दोनों वर्गों को टकराव में धकेलने की कोशिश कर रही हैं।
शनिवार को उत्तरांचल प्रेसक्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि जिन पदों पर उपनल कर्मी तैनात हैं, उनके अलावा विभागों में सैकड़ों पद रिक्त हैं लेकिन सरकार अध्याचन नहीं भेज रही। उन्होंने 10 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मियों को नियमित करने और सभी को “समान कार्य, समान वेतन” देने की मांग की। सेमवाल ने कहा कि देशभर में संविदा व आउटसोर्स कर्मी सरकारी व्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें स्थिरता नहीं मिली।
पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि अदालतें बार-बार समान वेतन और सेवा स्थिरता को संवैधानिक अधिकार मान चुकी हैं, फिर भी उपनल कर्मियों के नियमितीकरण पर कदम नहीं उठाए जा रहे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नर्सिंग भर्ती में आउटसोर्स कर्मियों के अनुभव को मान्यता दी गई, तो फिर उपनल कर्मियों को क्यों नहीं।
सेमवाल ने कहा कि उपनल कर्मियों का नियमितीकरण रोकना न नीति है न न्याय। वर्षों से सेवा दे रहे कर्मियों को नकारना अमानवीय है। उन्होंने सरकार से “नो वर्क नो पे” जैसे आदेश वापस लेने, पुराने कर्मियों का चरणबद्ध नियमितीकरण शुरू करने और भविष्य की भर्ती के लिए पारदर्शी नीति बनाने की मांग की।
पार्टी ने कहा कि उपनल कर्मियों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा और प्रशासनिक सेवाओं में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए उनकी नौकरी की स्थिरता मांगना राजनीति नहीं बल्कि मानव अधिकार है।
प्रेस वार्ता में सुलोचना ईष्टवाल, योगेश ईष्टवाल, भगवती प्रसाद नौटियाल, नवीन पंत, सुशीला पटवाल आदि मौजूद रहे।
यह है प्रमुख मांग :-
- उपनल कर्मियों का चरणबद्ध नियमितीकरण तुरंत शुरू किया जाए।
- भविष्य की भर्तियों के लिए एक पारदर्शी, ठोस और स्थायी नीति बनाई जाए।
- आंदोलनों पर दमनकारी आदेश ‘नो वर्क नो पे’ वापस लिए जाएँ।
- आउटसोर्सिंग को कम करके मूल सेवा नियमों को लागू किया जाए।”
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